सुयालबाड़ी । निकटवर्ती ग्राम चोपड़ा के गुरु गोरखनाथ मन्दिर में चल रही भागवत कथा में सोमवार को कथावाचक पंडित आचार्य नीरज त्रिपाठी ने कृष्ण जन्मोत्सव, बाल गोपाल, कृष्ण गोप बालकों की क्रीडाओं का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि भगवान अंतर्यामी असीम शक्ति के पूंज है लेकिन उन्होंने अधर्म का नाश और धर्म की पुनर्स्थापना के लिए श्रीकृष्ण और श्रीराम सहित दशावतार धारण किए। कथाकार ने गृहस्थ में रह कर सदाचार, परोपकार और सत्य के आधार पर जीवन जीने तथा सत्संग के जरिए सर्वव्यापी ईश्वर का नाम स्मरण करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि भगवत स्मरण धर्म, अर्थ, काम मोक्ष प्राप्ति का सरलतम मार्ग है। कथा में गोवर्धन कालिया मर्दन के प्रसंग भी सुनाए। भगवान को छप्पन भोग भी धराया गया। मुख्य यजमान हरीकृष्ण चुपडाल, हरीश चन्द्र चुपडाल व प्रेम बल्लभ चुपडाल सहित अन्य यजमान विनोद चन्द्र, खीमा नंद जोशी, दिनेश चन्द्र जोशी व माधवानंद जोशी ने व्यास पीठ पूजन किया। मुख्य पण्डित कमल पाण्डे, दीप चन्द्र गुरूरानी व कई अन्य पंडितों ने मंत्रोच्चारण व विधि विधान से नियमित पूजा अर्चना की। कथा श्रवण करने सिरसा, कूल, डोबा, कमोली, सुयालबाड़ी, सरना, नैनीपुल व रैगल के सैकड़ों लोग पहुंचकर कथा का अमृत पान कर रहे हैं ।