बागेश्वर जिले के हरसिल्ला गांव का शिव मंदिर 180 साल से संचालित है। आसपास के कई गांवों में है इस शिव मंदिर की मान्यता ।
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बागेश्वर जिले के हरसिल्ला गांव के लोगों ने पं. दुर्गा दंत जोशी की आध्यात्मिकता व धार्मिक संत होने के नाते 180 साल पूर्व गांव में शिव मंदिर बनाने के लिए लिए जमीन दी। पं. दुर्गा दत जोशी ने अपने आध्यात्मिक अनुभव व संत विचार धाराओं के अनुसार हरसिल्ला गांव में शिव मंदिर बनाया ।
पं.दुर्गा दत जोशी के समय में इस शिव मंदिर में शिव पुराण, भागवत कथा, सतचडी, अखंड रामायण व अन्य पूजा अर्चना होती रहती थी । उनके देहान्त के बाद गांव में सुनसानी हो गयी। जिस कारण उनके पुत्र पं. गोबिंद जोशी ने अपने पिता स्व0 दुर्गा दत्त जोशी के द्वारा किये गये कार्य को जारी रखने व उसे आगे बढ़ाने का संकल्प लिया और हरसिल्ला गांव में विधि विधान से पूजा पाठ व रामायण,शिव पुराण अन्य धार्मिक कार्य शुरू किए । बाद में गोबिंद जोशी का भी देहांत हो गया। जिसके बाद शिव मंदिर में पूजा पाठ व पुजारी समस्या होने लगी ।
जिस पर स्व0 गोविंद बल्लभ जोशी की पत्नी श्रीमती मालती जोशी ने अपने ससुर पं. दुर्गा दत जोशी व अपने पति स्व0 पं. गोबिंद बल्लभ जोशी की परम्परा को संभालने का निश्चय किया और मालती जोशी 85,साल की उम्र में भी अपने पति व ससुर के मार्गदर्शन से शिव मंदिर में हर पवित्र त्यौहार व सावन के महिने में पूजा पाठ के साथ साथ अपने मन्दिर का रंग रोगन व मंदिर की साफ सफाई करके तीन चार गांवों के लिए पूजा अर्चना करने के लिए तैयार करती हैं ।
180 साल पुराना यह मंदिर लगातार जीर्ण क्षीर्ण होता जा रहा है । ग्रामीणों ने कई बार मन्दिर के सौंदर्यीकरण हेतु जनप्रतिनिधियों व शासन प्रशासन से कहा । लेकिन शासन प्रशासन की उदासीनता से यह पुराना मन्दिर खस्ताहाल होता जा रहा है ।
सामाजिक कार्यकर्ता प्रताप सिंह नेगी का कहना है कि राज्य बनने के बाद राज्य में पलायन गति तेज हुई है । जिससे खंडहरों में बदलते गांवों के साथ ही हमारे देवी देवताओं के मंदिर भी प्रभावित हो रहे हैं । जिसका उदाहरण बागेश्वर मुख्यालय से महज 11 किमी दूर स्थित हरसिल्ला शिव मंदिर है । उन्होंने प्रशासन से इस मंदिर का रखरखाव करने की मांग की है ।