मुख्यतः सम्मानित होने वाले अधिवक्ता ।
नैनीताल । उत्तराखंड राज्य,उत्तराखंड हाईकोर्ट व हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के रजत जयंती के मौके पर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा हाईकोर्ट सभागार में वरिष्ठ अधिवक्ताओं, बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष व सचिवों सहित राज्य आंदोलन में सक्रिय रहे अधिवक्ताओं का सम्मान किया गया ।

हाईकोर्ट के न्यायधीश न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित,न्यायमूर्ति आलोक महरा, न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की मौजूदगी में हुए इस सम्मान समारोह में हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पहले अध्यक्ष डॉ. महेंद्र सिंह पाल, राज्य आंदोलनकारियों के हितों की लड़ाई लड़ रहे अधिवक्ता रमन शाह,पूर्व अध्यक्ष डी के शर्मा,प्रभाकर जोशी, के एस बोरा, पूरन बिष्ट,आर वीपी नौटियाल,जे पी जोशी,बी डी उपाध्याय,लोकेंद्र डोभाल, राजेन्द्र डोभाल, ललित बेलवाल,राम सिंह सम्भल, के पी उपाध्याय, राम सिंह बसेड़ा,पूर्व सचिव त्रिभुवन फर्त्याल, विनोद तिवारी, कमलेश तिवारी, विजय प्रकाश बहुगुणा,भुवनेश जोशी, सौरभ अधिकारी,योगेश पचौलिया, दीप जोशी,राजेश जोशी,रविन्द्र बिष्ट,कैलाश तिवारी, डी के जोशी, चन्द्रमौलि साह सहित वर्तमान अध्यक्ष दुर्गा मेहता,महिला उपाध्यक्ष मधु नेगी सामंत, सुखवाणी,अनिल मेर आदि को सम्मानित किया गया ।








इस अवसर पर न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित ने उत्तराखंड राज्य आंदोलन के दिनों की याद ताजा करते हुए कहा कि यह स्वतः स्फूर्त आंदोलन था । जिसमें हर वर्ग का व्यक्ति शामिल रहा । कहा कि इन 25 वर्षों में राज्य ने कई क्षेत्रों में उन्नति की है । लेकिन राज्य के समग्र विकास के लिये हम सभी को एकजुट प्रयास करने होंगे ।

हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष दुर्गा सिंह मेहता ने न्यायधीशों व अधिवक्ताओं का स्वागत करते हुए इस आयोजन के उद्देश्यों पर चर्चा की । उत्तराखंड आंदोलनकारी अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष रमन शाह ने कहा कि राज्य आंदोलनकारियों के हितों की लड़ाई अभी जारी है ।


अन्य वक्ताओं ने पर्वतीय क्षेत्र में शिक्षा,स्वास्थ्य,सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं का अभाव बना हुआ है और राज्य बनने के बाद गांवों से पलायन की गति कई गुना बड़ी है । जो पर्वतीय राज्य की मूल अवधारणा के खिलाफ है । राज्य आंदोलनकारियों की मांग गैरसैण को स्थायी राजधानी बनाये जाने की है । जिस पर सरकारें टाल मटोली कर रही हैं ।








