नैनीताल । उत्तराखंड हाईकोर्ट ने वन विभाग में कार्यरत संविदा कर्मियों को न्यूनतम वेतनमान देने व उन्हें नियमित किए जाने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की।
मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायधीश रितु बाहरी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खण्डपीठ ने  राज्य सरकार से प्रदेश भर में सभी विभागों में कार्यरत आउटसोर्स, संविदा सहित दैनिक वेतन कर्मचारियों का डाटा एकत्र करके  3 सप्ताह में रिपोर्ट पेश करने को कहा है ताकि इनके  हित के लिए कोई स्कीम बनायी जा सके। मामले की अगली सुनवाई मई माह की तिथि नियत की है।
     मामले के अनुसार  वन विभाग में कार्यरत सविदा कर्मचारियों ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर कहा था  कि वे पिछले कई वर्षों से विभाग में कार्यरत है। उन्हें न तो नियमित किया जा रहा और न ही न्यूनतम वेतनमान दिया जा रहा। पूर्व में एकलपीठ ने उनके हित मे फैसला देते हुए कहा कि उन्हें नियुनतम वेतन व नियमित किया जाय। परन्तु सरकार ने इस आदेश को खण्डपीठ में चुनौती देते हुए कहा कि उनके पास ये पद स्वीकृत नही है। न ही सरकार के पास इन्हें नियुनतम वेतन देने का बजट है। इसलिए एकलपीठ के आदेश को निरस्त किया जाय।  जिस पर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि राज्य सरकार सभी विभागों में कार्यरत संविदा कर्मियों व आउट सोर्स के माध्यम से लगे कर्मचारियों की लिस्ट पेश करें। ताकि उनके भविष्य के लिए कोई नीति बनाई जा सके।

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