उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पिथौरागढ के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष विरेन्द्र बोहरा की गिरफ्तारी पर रोक लगाने सम्बन्धी याचिका पर सुनवाई की। मामले को सुनने के बाद न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की एकलपीठ ने फिलहाल उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए जांच अधिकारी को निर्देश दिए है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार अर्नेश कुमार बनाम बिहार राज्य में दिए दिशानिर्देशों का पालन करें।
मामले के अनुसार बीजेपी युवा मोर्चा अध्यक्ष शुभम चंद ने पिथौरागढ कोतवाली में पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष विरेन्द्र बोहरा के खिलाफ मारपीट और जान से मारने की धमकी मामले में धारा 147,323,506 में मुकदमा दर्ज किया था । अपनी गिरफ्तारी पर रोक और एफआईआर निरस्त करने को लेकर पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष विरेन्द्र बोहरा ने हाईकोर्ट की शरण ली है। उनके द्वारा याचिका में कहा गया है कि उनके द्वारा इस दौरान ऐसा कोई  कार्य नही किया गया जिसको लेकर उनके खिलाफ यह मुकदमा दर्ज किया गया जबकि वे पहले से ही एक जनप्रतिनिधि रहे हैं। उनको जानबूझकर राजनैतिक दुर्भावनाओं के चलते इस मामले में फंसाया जा रहा है। इसलिए इस मुकदमे को निरस्त किया जाय या उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाई जाए।

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