नैनीताल । नौ साल की नाबालिग बच्ची का अपहरण कर दुष्कर्म के बाद हत्या करने के आरोपी को निचली अदालत से मिली फांसी की सजा की पुष्टि किये जाने के मामले की गुरुवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश संजय कुमार मिश्रा व न्यायमुर्ति आरसी खुल्बे की खण्डपीठ ने सुनवाई की । मामले को सुनने के बाद कोर्ट ने अगली सुनवाई हेतु दो सप्ताह बाद की तिथि नियत की है। खण्डपीठ ने हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार कार्यालय से पूछा है कि क्या अभियुक्त ने इस प्रकरण में कोई जेल अपील या स्वयं अपील तो दायर तो नही की है? मामले के अनुसार हरिद्वार की पॉस्को अदालत ने दुराचार व हत्या के मुख्य अभियुक्त रामतीर्थ यादव को फांसी की सजा को पुष्टि करने हेतु अपना आदेश उच्च न्यायलय के रजिस्ट्रार जनरल को भेजा था। उसके बाद उच्च न्यायलय की रजिस्ट्री द्वारा इस मामले पर आदेश की पुष्टि हेतु रिफरेंस अपील दायर की। निचली अदालत के आदेशानुसार अभियुक्त को फांसी की सजा के साथ साथ1.30 लाख रुपए का अर्थदंड भी लगाया है । जबकि सह अभियुक्त को 5 साल की सजा और एक लाख का अर्थदंड लगाया है। एक अन्य आरोपी के खिलाफ कोई सबूत न मिलने के आधार पर बरी कर दिया । मामले के अनुसार हरिद्वार पुलिस को 20 दिसंबर 2020 हरिद्वार ऋषिकुल कॉलोनी के एक मकान में 9 साल की बच्ची का शव मिला था। इस मामले में पुलिस ने मकान मालिक राजीव कुमार और उसके भांजे रामतीर्थ यादव को गिरफ्तार किया । बच्ची के पोस्टमार्टम से पुष्टि हुई थी कि उसके साथ दुष्कर्म किया गया और बाद में उसका गला घोटकर हत्या की गई । दर्ज मुकदमे अनुसार पीड़िता के पिता की तहरीर पर तीन आरोपी राम तीरथ यादव, राजीव कुमार और गंभीर चंद उर्फ गौरव निवासी ऋषिकुल हरिद्वार के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था कि उनकी नौ वर्षीय मासूम लड़की को इन्हीं ने गायब किया है । जांच में रामतीर्थ द्वारा दुराचार करने की पुष्टि हुई थी जिसे निचली अदालत ने मृत्यु दंड दिया गया है ।