*असमंजस की स्थिति से रहें बिल्कुल दूर चंद्र ग्रहण का भारत में कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।*
इस वर्ष का पहला चंद्र ग्रहण दिनांक 14 मार्च 2025 दिन शुक्रवार को लगेगा। परंतु यह चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा अतः इसका सूतक काल भी भारत में मान्य नहीं होगा।
यह चंद्र ग्रहण यूरोप ऑस्ट्रेलिया उत्तरी दक्षिणी अमेरिका प्रशांत व अटलांटिक महासागर उत्तरी व दक्षिणी ध्रुव सहित अफ्रीका के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा। इसलिए 14 मार्च को कुमाऊं का लोक पर्व फूलदेई हर्षोल्लास के साथ मनाई जाएगी और वहीं दूसरी ओर 13 मार्च को यदि भद्रा की बात करें तो चूंकि भद्रा के संबंध में कहा गया है कि –
*भद्रायां द्वि न कर्त्तव्ये श्रावणी फाल्गुनी तथा श्रावणी नृप हन्ति च ग्राम्मियां दहति फाल्गुनी।।*
अर्थात श्रावणी पूर्णिमा भद्रा में मनाने से राजा का नाश और फाल्गुनी पूर्णिमा भद्रा में मनाने से गांव में आग लगने का खतरा बढ़ जाता है।
दिनांक 13 मार्च गुरुवार को प्रातः 10:36 बजे से मध्य रात्रि 11:30 तक भद्र है अतः 11:30 के बाद होलिका दहन किया जा सकता है। व्रत की पूर्णिमा भी 13 मार्च को मनाई जाएगी और दिनांक 15 मार्च को छलड़ी (बसन्तोत्सव) मनाया जाएगा।
आचार्य पंडित प्रकाश जोशी गेठिया नैनीताल।