नैनीताल । यूक्रेन के युद्धग्रस्त शहर खारकीव से एम बी बी एस कर रही आयुषी जोशी ने रूसी सेना की बमबारी के बीच जान बचाने के लिये बंकर में शरण ली हुई है । चिंता की बात यह है कि आयुषी व उनके साथियों के पास अब खाने पीने का सामान नहीं है और भूखे रहने की स्थिति सामने आ गई है । इस विकट समस्या से चिंतित आयुषी जोशी की नानी व कांग्रेस नेता, राज्य आंदोलनकारी मुन्नी तिवारी ने मंगलवार को नैनीताल के सांसद व केंद्रीय रक्षा व पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट से दूरभाष पर बात की ।
मुन्नी तिवारी को केंद्रीय राज्य मंत्री अजय भट्ट ने बताया कि केंद्र सरकार खारकीव व कीव शहरों में फंसे भारतीय छात्र छात्राओं को स्वदेश लाने के हर सम्भव प्रयास कर रही है । इस पर मुन्नी तिवारी ने कहा कि खारकीव में जारी कर्फ्यू व इमरजेंसी के बीच भारत सरकार की पहुंच वहां तक जब तक नहीं हो पाती तब तक सरकार बंकरों में शरण लिये हुए बच्चों के खाने पीने की व्यवस्था हेतु यूक्रेन उच्चायोग व यूक्रेन में भारत के दूतावास से कहे । मुन्नी तिवारी ने कहा कि युद्ध से अधिक खतरा भूख से दिखाई दे रहा है और वे इस विषम हालात से चिंतित व भयभीत हैं । आयुषी जोशी के पिता विवेक जोशी यहां कुर्मांचल बैंक में सेवारत हैं । जबकि मां बिड़ला कॉलेज में टीचर हैं । मुन्नी तिवारी के अनुसार आयुषी एम बी बी एस तृतीय वर्ष की छात्रा है । वह पहले मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में रहती थी लेकिन पिछले साल कोरोना अवधि में नैनीताल रहने के बाद उन्हें होस्टल छोड़ना पड़ा था । उनके साथ एक लड़की लखनऊ की बताई गई है । आयुषी के जल्दी स्वदेश वापिसी की मांग को लेकर आज दिल्ली में केंद्रीय राज्य मंत्री अजय भट्ट से तल्लीताल व्यापार मंडल अध्यक्ष मारुति साह ने भी भेंट की । भाजपा नेता शांति मेहरा, सांसद प्रतिनिधि गोपाल रावत ने भी इस मामले में रक्षा व पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट से फोन पर बात की ।
यहां उल्लेखनीय है कि यूक्रेन से दूसरे व कम संवेदनशील शहरों में फंसे दो बच्चे उर्वशी जंतवाल व प्रेरणा बिष्ट यहां पहुंच चुके हैं । जबकि राहुल रावत के भी आज पहुंचने की संभावना है ।