नैनीताल । उत्तराखंड हाईकोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा बार सभागार भवन में गुरुवार को हुई आपात बैठक में चमोली जिले के हेलंग के गोचर पनघट की भूमि पर अपने पशुओं के लिए घास काटने वाली महिलाओं के साथ अभद्रता की निंदा की है। अधिवक्ताओं ने कहा कि राजनेताओं, ब्यूरोक्रेसी पुलिस व पूंजीपतियों द्वारा वहां पर हरे भरे पेड़ों का अवैध कटान कर पर्यावरण की बड़ी क्षति जा रही है।
वक्ताओं ने कहा कि गोचर से घास ला रही महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार से आशंका है कि उत्तराखंड के प्राकृतिक संसाधनों को यहां के मूल निवासियों से छीनकर पूंजीपतियों को देने के लिये पुलिस मातृशक्ति पर भी जुर्म ढा रही है। जहाँ सरकार हरेला पर्व में सैकड़ों पेड़ लगा रही है वहीं हेलंग वासियों के हरे भरे पेड़ काटे जा रहे हैं।टीएचडीसी टनल से निकलने वाले मलुवे को नदी में डंपिग किया जा रहा है। उनके मकानों में दरार आ गयी है। उनको पुलिस द्वारा डराया धमकाया जा रहा है। महिलाओं को पशुओं के लिए घास तक नही काटने दिया जा रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री से इस घृणित कृत्य के लिए जिम्मेदार लोगों के विरुद्ध दंडात्मक कार्यवाही करने के साथ ही जिम्मेदार अधिकारियों की निलंबित करने की मांग की है। अधिवक्ताओं का यह भी कहना है कि विवादित कथित निर्माणाधीन खेल मैदान को बंद कर गोचर पनघट के लोगों को घास काटने का अधिकार दिया जाए है। वही उन्होंने कहा अगर राज्य
सरकार ने जनता के हक हकूकों की इसी तरह से खिलवाड़ करती रही तो हाईकोर्ट बार एसोसिएशन और जिला बार एसोसिएशन मिलकर सरकार के खिलाफ मोर्चा बंदी करेगी और एकजुट होकर जनता के हक हकूकों की लड़ाई उच्च न्यायालय तक लड़ने को तैयार है। अधिवक्ताओं ने यह भी कहा कि पहाड़ी राज्य होने के नाते सरकार पहाड़ के लोगों के अधिकार छीन रही है। जहाँ सरकार ने घसियारी योजना चलाई है वहीँ उनके घास काटने के अधिकारों को सीमित करती आ रही है। बाहरी कम्पनियों के द्वारा पहाड़ के संसाधनों का पर्यावरण के विरुद्ध जाकर दोहन किया जा रहा है। इस अवसर पर हाई कोर्ट बार एशोसिएशन के अध्यक्ष प्रभाकर जोशी, पूर्व अध्यक्ष एमसी पंत, पूर्व सचिव डीएस मेहता, डॉ0 कैलाश तिवारी, त्रिलोचन पांडे, नवनीष नेगी, बीएस नेगी, भुवनेश जोशी,डीके जोशी, पूर्व अध्यक्ष सय्यद नदीम मून, डी सी एस रावत , अमीर मलिक ,योगेश पचौलिया, विजय सिंह सहित कई अधिवक्तागण मजूद रहे।