कौन है जिम्मेदार ?
नैनीताल। उत्तराखंड हाई कोर्ट ने नैनीताल माल रोड स्थित ऐतिहासिक दुर्गा लाल शाह नगरपालिका पुस्तकालय के जीर्णोद्धार में कार्यदायी संस्था एडीबी द्वारा घटिया सामग्री का प्रयोग कर सरकारी धन का दुरप्रयोग करने की खबरों का स्वतः संज्ञान लेकर जनहित याचिका पंजीकृत की है ।
मामले की सुनवाई के बाद न्यायमूर्ती रविन्द्र मैठाणी व न्यायमूर्ति आलोक महरा की खण्डपीठ ने नगर पालिका नैनीताल व राज्य सरकार से चार सप्ताह में स्थिति से अवगत कराने को कहा है।
जनहित याचिका में कहा गया कि पुस्तकालय का निर्माण वर्ष 1933-34 में मोहन लाल साह द्वारा 5 हजार रुपये नगर पालिका को दान में देकर लकड़ी व अन्य सामग्री से इसका निर्माण करवाया था। पुस्तकालय में दुर्लभ व कई अन्य विषयों के महत्वपूर्ण पुस्तकें रखी गयी हैं।
इस पुस्तकालय से पहले लाउडस्पीकर से समाचार भी प्रसारित होते थे। वर्ष 2023 – 24 में इसका जीर्णोद्धार कार्यदायी संस्था एडीबी के द्वारा डेढ़ करोड़ की लागत से कर इसे नगर पालिका को सौंप दिया। मात्र डेढ़ वर्ष के भीतर ही मरम्मत में लगाई गई लकड़ी व शीशे उखड़ने लगे। वर्तमान में उखड़ी लकड़ी व शीशों को रस्सी से बांधकर उनको रोका गया है। ताकि कोई जान माल की हानि न हो। यह सब जीर्णोद्धार करते समय लगाई गयी घटिया सामग्री के कारण हुआ। जब इस सम्बंध में नगर पालिका ने राज्य सरकार को पत्र भेजा तो उसपर कोई विचार नहीं किया गया। जो कि यह एक सरकारी धन का दुरप्रयोग है।