नैनीताल। रिजॉर्ट में पिछले दिनों हुई छापेमारी प्रकरण में डीआईजी वाईएस रावत ने रामनगर के कोतवाल अरुण कुमार सैनी को निलंबित कर दिया है। पुलिस ने रिजॉर्ट स्वामी को गलत तरीक़े से गिरफ्तार किया था ।
मामले के अनुसार हाईकोर्ट ने टाइगर कैम्प रिजॉर्ट के मैनेजर राजीव शाह की गलत तरीके से की गई एफआईआर और गिरफ्तारी के मामले में रामनगर कोतवाल सैनी, ‘गर्जिया चौकी इंचार्ज प्रकाश पोखरियाल और एसआई दीपक बिष्ट के विरुद्ध दायर अवमानना याचिका की सु। अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली ने बताया कि उनके क्लाइंट की पुलिस ने गैर कानूनी तरीके से गिरफ्तारी की थी। इस मामले में उन्होंने कोर्ट की शरण ली थी। इस सम्बंध में हाईकोर्ट ने डीजीपी और गृहसचिव को सर्कुलर भी जारी किया था और जमानतीय अपराधों में नागरिकों को बिना नोटिस सीधे गिरफ्तार नहीं किया जा सकता। इन्हीं दिशा-निर्देश की दुर्भावना से अवमानना के लिए रामनगर कोतवाल अरुण सैनी, गर्जिया चौकी इंचार्ज प्रकाश पोखरियाल और एसआई दीपक बिष्ट के विरुद्ध अवमानना याचिका दायर की गई।
याचिकाकर्ता के अनुसार 29 नवंबर को दोपहर में पुलिस ने रिजॉर्ट में फ्री कमरे देने के लिए दबाव बनाया। रिजॉर्ट के शादी में बुक होने के कारण रूम देने में असमर्थता जाहिर की।
जिसके बाद दुर्भावना से उसी रात कोतवाल के आदेश पर पुलिस ने रिजॉर्ट में चल रहे शादी समारोह के बाद छापा मारा और फर्जी तरीके से शराब की 10 खाली बोतल व एक आधी भरी बोतल बरामद दिखाकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद रात भर उन्हें थाने में बैठाकर सुबह अपराधियों की तरह अभिरक्षा में उनका फोटो मीडिया को जारी किया गया और रिमांड के लिए कोर्ट में पेश किया, जबकि आबकारी अधिनियम के ऐसे अपराध के लिए सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश के मुताबिक सीधे गिरफ्तारी नहीं की जा सकती। चार सितंबर 2023 को इस सम्बंध में हाईकोर्ट की ओर से डीजीपी और गृहसचिव सहित सभी जिम्मेदार अधिकारियों को सर्कुलर भी जारी किया गया था और जमानतीय अपराधों में ‘नागरिकों को बिना नोटिस सीधे गिरफ्तार नहीं किया जा सकता। मामले की सुनवाई न्यायाधीश न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की एकलपीठ में हुई।