नैनीताल । कुमाऊं विश्वविद्यालय के भौतिकी विभाग द्वारा क्वान्टम भौतिकी के विस्तारों पर व्याख्यान आयोजित किया गया। मुख्य वक्ता के रूप में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी के प्रख्यात भौतिक शास्त्री प्रो. भवानी प्रसाद मंडल आमंत्रित किए गए। व्याख्यान माला की शुरुवात करते हुए समन्वयक प्रो. हरीश चन्द्र चंदोला ने प्रो. मंडल का परिचय देते हुए उनके द्वारा क्वान्टम भौतिकी में दिए गए योगदान से श्रोताओं को अवगत करवाया। विभागाध्यक्ष प्रो. संजय पंत द्वारा प्रो. बी.पी. मंडल का भौतिकी विभाग कुमाऊं विश्वविद्यालय की ओर से स्वागत किया गया।
अपने व्याख्यान में प्रो. मंडल द्वारा परमाणु एवं नाभिकीय कणों के व्यवहार को समझने में क्लासिकल भौतिकी की सीमाओं का वर्णन करते हुए क्वान्टम भौतिकी का परिचय दिया तथा सूक्ष्म जगत भौतिकी के संभावनावाद सिद्धान्त की व्याख्या की। प्रचलित हार्मिटियन क्वान्टम सिद्धान्त द्वारा भौतिक जगत को समझाने के गणितीय पहलू की उन्होंने व्याख्या की। व्याख्यान को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने नॉन हार्मिटियन क्वान्टम सिद्धान्त की आवश्यकता एवं महत्व पर बल देते हुए, इसके भौतिकी की विभिन्न शाखाओं जैसे प्राकाशिकी, उच्च ऊर्जा भौतिकी एवं पदार्थ भौतिकी की विभिन्न समस्याओं को समझने की संभावनाओं की चर्चा की। नॉन हार्मिटियन क्वान्टम सिद्धान्त का उपयोग करते हुए एंटी लेसर एवं ऑप्टिकल कम्प्यूटर के क्षेत्र में हो रहे विकासों से उन्होंने श्रोताओं को अवगत करवाया।
उक्त नॉन हार्मिटियन सिद्धान्त की संचार क्षेत्र में होने वाली क्रांतिकारी संभावनाओं एवं इस क्षेत्र में चल रहे शोध कार्य से प्रो. मंडल ने शिक्षकों, शोधार्थियों एवं छात्र छात्राओं को अवगत करवाया।
इसी क्रम में उन्होंने पारम्परिक क्वान्टम सिद्धान्त के एक नए वैकल्पिक रुप जिसे रेशनल क्वान्टम सिद्धान्त द्वारा जाना जाता है, की आवश्यकता पर बल देते हुए उसके क्वान्टम गुरुत्व सिद्धान्त को विकसित करने की संभावना पर गणितीय पहलू के आधार पर व्याख्या की। प्रकृति द्वारा अनुसरण की जाने वाली विभिन्न सम्मितियों जैसे प्रसिद्ध आवेश संयोजन, समतुल्यता उल्लंघन एवं समय व्युत्क्रमण की चर्चा एवं इनके गणितीय पहलू की व्याख्या क्वान्टम भौतिकी के उपरोक्त वैकल्पिक क्वांटम सिद्धांत द्वारा उन्होंने प्रस्तुत की।
इसी क्रम में क्वान्टम टनलिंग एवं इसके नाभिकीय संरचना को समझने में होने वाले अनुप्रोयोगों पर भी उन्होंने जिक्र किया। प्रश्नोत्तर सत्र के दौरान समन्वयक प्रो. एच.सी. चंदोला ने उक्त वैकल्पिक सिद्धान्त मुख्य रूप से नॉन हर्मिटियन क्वान्टम सिद्धान्त द्वारा क्वान्टम Entanglement प्रक्रिया (जिस पर हाल ही में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया) को अधिक परिष्कृत रूप से समझने की संभावनाओं और इस क्षेत्र में किए जानें वाले शोध के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला। इसी क्रम में उक्त सिद्धान्त की उच्च ऊर्जा भौतिकी में नाभिकीय बलों से संबंधित विभिन्न अनसुलझे प्रश्नों जिसमें अवस्था परिवर्तन, quark confinement तथा Higgs Mechanism के समाधानों पर प्रो. चंदोला एवं प्रो. मंडल के बीच गहन चर्चा हुई। प्रश्नोत्तर सत्र के दौरान प्रो. मंडल द्वारा श्रोताओं के प्रश्नों का उत्तर देते हुए उन्हें इस क्षेत्र में कार्य करने की दिशा में प्रेरित किया।
अन्त में प्रो. चंदोला द्वारा उक्त व्याख्यान हेतु प्रो. मंडल को धन्यवाद ज्ञापित किया।
उक्त व्याख्यान के दौरान प्रो. संजय पंत, डॉ. शुचि बिष्ट, डॉ रमेश चंद्र, डॉ. बिमल पाण्डे, डॉ. सीमा पाण्डे, डॉ. ग्रीश चन्द्र, डॉ. महेश चंद्र, श्री राज कुमार, डॉ. दीपेन्द्र सिंह रावत, डॉ. नूपुर पाण्डे, राम सिंह गुंसाई, निशा फातिमा, हरमीन कौर, पूजा, बबिता बिष्ट समेत समस्त शोधार्थी एवं स्नातकोत्तर के छात्र छात्रा उपस्थित रहे।