अल्मोड़ा । भिकियासैंण नौला गांव निवासी कुमाऊँनी लोकगायिका लीला बिष्ट ने अपनी मधुर आवाज की बदौलत इन सोशियल मोडिया में खूब रंग जमाया है ।
वह कुमाऊं मंडल में न्योली, झोडा चांचरी व भजन गायन में एक नई कलाकार के रुप उभर रही हैं। उनके न्योली,झोड़ा व अन्य लोकगीतों की रिकार्डिंग भी हुई है। जो यूट्यूब में काफी पसंद किए जा रहे हैं । स्नातक कर चुकी लीला बिष्ट शादी के बाद भी परिवार के काम काज के साथ साथ उत्तराखण्ड की लोककला को आगे बढ़ाने में प्रयासरत हैं । वे पिछले 12सालों से लोककला को जीवंत रखने के लिये कभी न्योली तो कभी झोडा चांचरी और कभी भजन गाती हैं। लीला बचपन में अपने स्कूल में छोटे छोटे कार्यक्रमों में भागीदारी करती थी और यह शौक बढ़ता गया और अब वह कुमाऊँनी लोकगायिका के रूप में उभर रही हैं ।इन दिनों लीला के लोकगीतों को सोशियल मीडिया व यूटूब चैनलों में खूब सुना जा रहा है। लीला बिष्ट व उनके परिवार जनों ने जनता की ओर से मिल रहे समर्थन व प्यार के प्रति आभार व्यक्त किया है ।
सामाजिक कार्यकर्ता प्रताप सिंह नेगी ने लीला बिष्ट के हुनर की सराहना करते हुए कहा कि उनका हुनर व लगन उन्हें एक दिन बढ़ा मंच अवश्य प्रदान करेगी ।