मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बुधवार को सचिवालय में आयोजित कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। कुल 10 प्रस्तावों में से 7 को मंजूरी मिली, जबकि कुछ को पुनः परीक्षण हेतु भेजा गया। बैठक की शुरुआत पूर्व मंत्री दिवाकर भट्ट को श्रद्धांजलि देने के साथ हुई और दो मिनट का मौन रखा गया।
बैठक में विभिन्न विभागों – लोक निर्माण, शिक्षा, आवास, वित्त, ऊर्जा, अभियोजन विभाग आदि-के प्रस्तावों पर चर्चा हुई। नीचे पढ़ें कैबिनेट के मुख्य निर्णयः
कैबिनेट के प्रमुख फैसले
1. मानव-वन्यजीव संघर्ष में मृतक के परिजनों को अब 10 लाख सहायता
पहले 6 लाख मिलते थे, अब राशि बढ़ाकर 10 लाख कर दी गई।
वन्यजीव हमलों में घायलों का पूरा इलाज सरकार कराएगी।
सीएम की पूर्व घोषणा को कैबिनेट ने दी मंजूरी।
2. दुकानों और प्रतिष्ठानों में महिलाओं को नाइट शिफ्ट की अनुमति
महिलाएं अब रात 9 बजे से सुबह 6 बजे तक काम कर सकेंगी।
लिखित सहमति अनिवार्य होगी।
सुरक्षा इंतजाम सुनिश्चित करने का भी निर्देश।
इससे महिला कर्मकारों को अधिक रोजगार अवसर मिलेंगे और आर्थिक सशक्तिकरण बढ़ेगा।
3. देहरादून में मेट्रो निओ परियोजना को मंजूरी
देहरादून शहर में प्रस्तावित मेट्रो निओ प्रोजेक्ट को कैबिनेट की हरी झंडी।
परियोजना में केंद्र सरकार के सुझावों को शामिल किया
परियोजना में केंद्र सरकार के सुझावों को शामिल किया जाएगा।
4. अभियोजन विभाग का नया ढांचा मंजूर
अभियोजन विभाग में संवर्ग पुनर्गठन को मंजूरी। राज्य के 4 जिलों – देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंहनगर और नैनीताल में 46 नए सहायक अभियोजन अधिकारी पद सृजित ।
न्यायालयों में प्रभावी पैरवी को मजबूती मिलेगी।
5. ऊर्जा निगम की वार्षिक रिपोर्ट विधानसभा में पेश होगी
यूजेवीएन लिमिटेड की 2022-23 वित्तीय रिपोर्ट विधानसभा पटल पर रखी जाएगी। कंपनी एक्ट के प्रावधान के तहत यह रिपोर्ट सदन में पेश किया जाना आवश्यक है।
6. पर्यावरण संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की रिपोर्ट सदन में पेश
उत्तराखंड जैव विविधता बोर्ड की 2024-25 वार्षिक रिपोर्ट विधानसभा में प्रस्तुत होगी।
7. दुकान एवं स्थापना अधिनियम में संशोधन को मंजूरी
रोजगार विनियमन और सेवा शर्तों में संशोधन । छोटे प्रतिष्ठानों पर अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा। बड़े प्रतिष्ठानों में कर्मकारों को सभी कानूनी लाभसुनिश्चित ।
कार्य समय में लचीलापन और प्रशासनिक बोझ में कमी।
अन्य महत्वपूर्ण निर्णय
आवास विभाग – मानचित्र स्वीकृति अनिवार्यता पर पुनः परीक्षण प्राधिकरण क्षेत्रों में मानचित्र स्वीकृति अनिवार्य करने के प्रस्ताव को दोबारा परखा जाएगा।

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