नैनीताल । मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में कई निर्णय लिए गए ।
बैठक में राज्य सड़क सुरक्षा नीति 2025 को मंजूरी दी गई, साथ ही वनाग्नि प्रबंधन नीति के तहत वन पंचायतों और मंगल दलों को प्रोत्साहन राशि देने के प्रस्ताव पर भी मुहर लगी। इसके अलावा, लैंड बैंक बनाने की स्वीकृति दी गई, जिसके तहत दो टाउनशिप के लिए लैंड बैंक तैयार किया जाएगा, खासकर पर्वतीय क्षेत्रों में सुनियोजित टाउनशिप विकसित करने के उद्देश्य से लैंड बैंक बनाया जाना है ।
राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं के मद्देनजर, धामी सरकार ने एक अहम कदम उठाया है। इसके तहत पर्वतीय क्षेत्रों में वाहनों की जांच को सरल बनाने के लिए एआरटीओ के 11 नए पद सृजित करने का प्रस्ताव रखा गया है, जिनमें 50 प्रतिशत पद पदोन्नति से और 50 प्रतिशत पद सीधी भर्ती से भरे जाएंगे। इसके साथ ही, सरकार पर्वतीय मार्गों पर अनुबंधित बस परमिट को खत्म करने की योजना बना सकती है, और परिवहन निगम अपनी बसें संचालित करेगा, जिसके लिए नई बसों की खरीद की जाएगी। इस फैसले पर कैबिनेट जल्द ही निर्णय लेगी।
इसके अतिरिक्त, सड़क सुरक्षा नीति और एक्ट पर भी कैबिनेट में विचार किया गया, जो विधानसभा पटल पर रखा जाएगा। इसके तहत हर दुर्घटना की गहन जांच की जाएगी और हादसे के कारणों के आधार पर संबंधित विभागों और अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी। जैसे खराब सड़क और सुरक्षा उपायों के लिए लोक निर्माण विभाग, ड्रिंक एंड ड्राइव के मामलों के लिए स्थानीय पुलिस और यातायात पुलिस, ओवरलोडिंग और अनफिट वाहनों के मामलों में परिवहन विभाग जिम्मेदार होगा।
कैबिनेट की बैठक में आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट, भू-कानून में संशोधन और पेपरलेस व वर्चुअल रजिस्ट्री का प्रस्ताव भी चर्चा के लिए रखा जा सकता है। इन निर्णयों से राज्य की कानून व्यवस्था, सड़क सुरक्षा और विकास को और मजबूत करने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे।
महत्वपूर्ण निर्णयों में केदारनाथ और हेमकुंड साहिब के लिए रोपवे परियोजना को मंजूरी देना शामिल है, जिसका प्रस्ताव अब केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए वन पंचायतों को 30-30 हजार रुपये देने का निर्णय लिया गया, और इसका ड्राफ्ट भी केंद्र को भेजा जाएगा।
सैनिक कल्याण विभाग को निशुल्क भूमि देने की भी मंजूरी दी गई, और खुरपिया फार्म में सिडकुल की भूमि को आवासीय घोषित किया गया। इसके अतिरिक्त, राज्य निर्वाचन आयोग के ढांचे में बदलाव की मंजूरी दी गई।