नैनीताल ।  उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने नंधौर वन क्षेत्र में राज्य सरकार द्वारा खनन की अनुमति देने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद  केंद्र व राज्य सरकार सहित वन विभाग से एक सप्ताह में खनन नीति के मुख्य दिशा निर्देश स्पष्ट करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने 27 अप्रैल की तिथि नियत की है ।  आज मामले की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश संजय कुमार मिश्रा व न्यायमुर्ति आरसी खुल्बे की खण्डपीठ में हुई।                        मामले के अनुसार चोरगलिया निवासी दिनेश कुमार चंदोला ने उच्च न्यायालय में जनहित  याचिका दायर कहा है कि हल्द्वानी के नंधौर क्षेत्र इको सेंसटिव जॉन में आता में है।इस क्षेत्र में सरकार ने बाढ़ से बचाव के कार्यक्रम के नाम पर माइनिंग करने  की अनुमति दे रखी है। इसका फायदा उठाते हुए खनन कम्पनी द्वारा मानकों के विपरीत खनन किया जा रहा है और खनन सामग्री को क्रशर के लिए ले जाया जा रहा है जिससे पर्यावरण को नुकसान हो रहा है। याचिका में कहा गया कि इको सेंसटिव जोन में खनन की अनुमति नहीं दी जा सकती क्योंकि यह प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व इको सेंसटिव जोन के नियमावली के विरुद्ध है । इस पर रोक लगाई जाए। जनहित याचिका में केंद्र सरकार, राज्य सरकार, चीफ वाइल्ड लाइफ वॉर्डन, डायरेक्टर नन्धौर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी, डीएफओ हल्द्वानी, उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, क्षेत्रीय प्रदूषण नियन्त्र बोर्ड व एसपीएस इंफ्रा इंजीनियर लिमिटेड नोएडा को पक्षकार बनाया है।

By admin

"खबरें पल-पल की" देश-विदेश की खबरों को और विशेषकर नैनीताल की खबरों को आप सबके सामने लाने का एक डिजिटल माध्यम है| इसकी मदद से हम आपको नैनीताल शहर में,उत्तराखंड में, भारत देश में होने वाली गतिविधियों को आप तक सबसे पहले लाने का प्रयास करते हैं|हमारे माध्यम से लगातार आपको आपके शहर की खबरों को डिजिटल माध्यम से आप तक पहुंचाया जाता है|

You cannot copy content of this page