नैनीताल । देश की प्रतिष्ठित नैनीताल उधमसिंहनगर लोक सभा सीट कांग्रेस की परंपरागत सीट मानी जाती रही है । इस सीट पर अब तक 18 बार चुनाव हुए हैं । जिनमें से 12 बार कांग्रेस, 4 बार भाजपा व 1-1 बार जनता पार्टी व जनता दल के उम्मीदवार विजयी रहे हैं । 1991 से बसपा भी इस सीट पर दावेदारी कर रही है और हमेशा तीसरे नम्बर पर रही है । जबकि अन्य दल कोई छाप नहीं छोड़ सके हैं ।

नैनीताल लोक सभा सीट में वर्ष 2000 तक बहेड़ी क्षेत्र भी था । पृथक राज्य बनने के बाद बहेड़ी अलग हो गया । इस सीट में वर्ष 1951 व 1957 में भारत रत्न गोविंद बल्लभ पंत के दामाद सी डी पांडे सांसद बने । 1962,1967 व 1971 में के सी पन्त लगातार तीन बार सांसद रहे । आपात काल के बाद हुए चुनाव में जनता पार्टी के भारत भूषण चुनाव जीते ।

 

1980 में कांग्रेस के नारायण दत्त तिवारी, 1984 में कांग्रेस के ही सत्येंद्र चंद्र गुड़िया, 1989 में जनता दल के डॉ. महेन्द्रपाल सिंह, 1991 में रामलहर के बाद हुए चुनाव में भाजपा के बलराज पासी, 1996 में तिवारी कांग्रेस के नारायण दत्त तिवारी, 1998 में भाजपा की इला पन्त, 1999 में कांग्रेस के नारायण दत्त तिवारी, 2002 के उप चुनाव में कांग्रेस के डॉ. महेन्द्रपाल सिंह, 2004 व 2009 में कांग्रेस के के.सी.बाबा चुनाव जीते । लेकिन 2014 में मोदी युग के बाद भाजपा के भगत सिंह कोश्यारी व 2019 में अजय भट्ट सांसद बने और ये दोनों चुनाव भाजपा ने बड़े अंतर से जीते । जहां से कांग्रेस के लिये वापसी करना काफी कठिन साबित हो रहा है ।
नैनीताल सीट पर 1991 से बसपा हमेशा तीसरे नम्बर की पार्टी रही है । 1991 में सरदार भाग सिंह ने 34 हजार व 1996 में भाग सिंह ने 1.29 लाख मत प्राप्त किये । 1998 में सरदार निरंजन सिंह ने रिकॉर्ड 1.62 लाख प्राप्त किये और वे तब कांग्रेस के नारायण दत्त तिवारी की हार का मुख्य कारण बने । इस चुनाव में भाजपा की इला पन्त ने काफी कम मतों से नारायण दत्त तिवारी को हराया था । 1999 में बसपा ने बाहुबली नेता अकबर अहमद डम्पी की पत्नी व मॉडल नैना बलसावर को चुनाव लड़ाया और उन्होंने 1.23 मत प्राप्त किये । 2004 में बसपा ने नैनीताल से गुलाम हसनैन को मैदान में उतारा जो करीब 50 हजार मत प्राप्त कर सके थे । जबकि 2009 में नारायण पाल को टिकट मिला और वे 1.43 लाख मत प्राप्त करने में सफल रहे ।

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2014 में बसपा ने लईक अहमद को प्रत्याशी बनाया जिन्हें करीब 59 हजार मत मिले । जबकि 2019 में नवनीत अग्रवाल मैदान में थे जिन्हें अब तक सबसे कम 28455 मत मिले ।
वर्तमान चुनाव में बसपा ने काशीपुर निवासी अख्तर अली को प्रत्याशी बनाया है । जो मछली के व्यवसायी हैं । राजनीतिक समीकरणों के अनुसार बसपा नैनीताल सीट पर जितनी मजबूत होगी कांग्रेस को उतने ही मतों का नुकसान होगा ।

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नैनीताल । सीट पर समाज वादी पार्टी अब तक उल्लेखनीय प्रदर्शन नहीं कर सकी है । 2009 में सपा के प्रेम प्रकाश 20 हजार व 2014 में अवतार सिंह 9825 मत ही प्राप्त कर सके थे । जबकि 2019 में सपा ने यहां उम्मीदवार नहीं उतारा और वर्तमान चुनाव में भी सपा ने प्रत्याशी नहीं उतारा है ।

 

2009 में उक्रांद से डॉ. नारायण सिंह जंतवाल भी चुनाव लड़े । लेकिन उन्हें अपेक्षा से काफी कम साढ़े नौ हजार मत ही मिले । 2014 में आम आदमी पार्टी से जनकवि बल्ली सिंह चीमा भी मैदान में उतरे । लेकिन वे भी 14 हजार का आंकड़ा पार नहीं कर सके ।

 

इधर 2024 के चुनाव में एक तरफ भाजपा नैनीताल सीट पर पार्टी प्रत्याशी अजय भट्ट को 5 लाख से अधिक मतों से जीताने का दावा कर रही है तो दूसरी ओर कांग्रेस अपने सहयोगियों सपा,आप,कम्युनिस्ट पार्टियों की मदद से चुनावी समीकरण अपने पक्ष में होने का दम भर रहे हैं ।

 

नैनीताल सीट पर करीब 21 लाख मतदाता हैं जिनमें करीब 13 लाख मतदाता उधमसिंहनगर व 8 लाख मतदाता नैनीताल जिले में हैं ।

 

नैनीताल उधमसिंहनगर लोक सभा क्षेत्र में 14 विधान सभाएं हैं । जिनमें से हल्द्वानी,बाजपुर,किंच्छा,जसपुर व खटीमा में कांग्रेस के विधायक हैं । शेष 9 विधान सभा क्षेत्रों में भाजपा का कब्जा है ।

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