नैनीताल । उत्तराखण्ड हाई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों का पालन न करने पर एसएसपी नैनीताल पंकज भट्ट, मुखानी चौकी एसआई ज्योति कोरंगा, एस आई अनील कुमार, कांस्टेबल बृजेश कुमार और अहसान अली को अवमानना का नोटिस जारी करते हुए अगली तिथि तक यह बताने को कहा है कि उन्होंने आईपीसी की धारा 41 का अनुपालन किया है या नहीं । साथ ही 31 अगस्त को कोर्ट में केश डायरी प्रस्तुत करने के निर्देश दिये हैं। मामले की अगली सुनवाई की तिथि 31 अगस्त नियत की गई है। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी की एकलपीठ में हुई।
मामले के अनुसार चोरगालिया निवासी भुवन पोखरिया ने अवमानना याचिका दायर कर कहा है कि मुखानी थाने के अधिकारियों ने आईपीसी की धारा 41 का अनुपालन किये बिना उनको कोई कारण बताए बिना गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। उनको किस अपराध के लिए गिरफ्तार गया, उन्हें नहीं बताया गया। जो सुप्रीम कोर्ट के आदेश सतेंद्र कुमार अंटिल बनाम सीबीआई में दिए गए पर प्रावधानों के विरुद्ध है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जिस किसी केस में सात साल से कम की सजा है पुलिस उसमें अभियुक्त को बिना कारण बताए गिरफ्तार नहीं कर सकती। अगर गिरफ्तार करना आवश्यक हो गया हो तो उसका कारण बताना आवश्यक होगा। पुलिस ने धारा 41 में दिए गए प्रावधानों व सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं किया। इसलिए दोषी पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही की जाय।
मामले के अनुसार 21 मार्च 2023 को एक युवती ने पोखरिया के खिलाफ मुखानी थाने में मुकदमा दर्ज कर कहा था कि परिवार न्यायालय ने पोखरिया के जैविक पुत्र को भरण पोषण के लिए 5 हजार रुपया महीना देने का आदेश दिया था जिसको भुवन पोखरिया ने नहीं दिया। आरोप है कि पोखरिया द्वारा बार बार युवती व उसके पुत्र को जान से मारने की धमकी दी जा रही है। जहाँ जहाँ वे जाती है उसका पीछा किया जा रहा है। भुवन पोखरिया द्वारा उनसे अनैतिक मांग की जा रही है। इसलिए उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया जाय। इसी मामले में पोखरिया को गिरफ्तार किया गया था । लेकिन इस गिरतारी में सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों का पालन न होने पर पोखरिया ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है ।