नैनीताल । नैनीताल नगर पालिका की वर्तमान बोर्ड का कार्यकाल समाप्त होने के अब करीब दस दिन बांकी हैं । दो दिसम्बर को नगर पालिका में प्रशासक बैठ जाएंगे । दूसरी तरफ पालिकाध्यक्ष सचिन नेगी के वित्तीय व प्रशासनिक अधिकार हाईकोर्ट के आदेश से 17 अक्टूबर से सीज हैं और अनियमितताओं की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं ।
 पालिकाध्यक्ष ने हाईकोर्ट के इस आदेश को ‘रिव्यू’ किये जाने हेतु हाईकोर्ट में याचिका दायर की है । लेकिन हाईकोर्ट में दीपावली अवकाश होने के कारण इस याचिका में अब तक सुनवाई नहीं हो सकी है । हाईकोर्ट ने इस याचिका को दीपावली के बाद सुनने का निर्णय दिया था । अब सोमवार 20 अक्टूबर को हाईकोर्ट खुल रहा है किंतु 20 अक्टूबर के लिये जारी हुई ‘कॉज लिस्ट” में इस रिव्यू याचिका का उल्लेख नहीं है ।
12 अक्टूबर के आदेश की टिप्पणियां–:
  नैनीताल की नगर पालिका फ्लैट मैदान में झूलों के ठेके लगाने में मनमानी के कारण विवादों में है । नगर पालिका ने फ्लैट मैदान के एक बड़े हिस्से में 1 अक्टूबर से 5 नवम्बर तक झूले लगाने की अनुमति देहरादून के रमेश सजवाण को 6.75 लाख में दी थी । जो संदेहास्पद था ।
  फ्लैट मैदान को लम्बे समय के लिये व्यवसायिक गतिविधियों के लिये देने के खिलाफ खेल प्रेमियों ने जिलाधिकारी से शिकायत की । जिस पर जिलाधिकारी ने झूलों के टेंडर को निरस्त कर दिया । जिसके खिलाफ झूले के ठेकेदार रमेश सजवाण ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की । हाईकोर्ट की एकलपीठ ने तब प्रशासन के आदेश पर रोक लगा दी थी ।
  लेकिन झूलों के एक दूसरे ठेकेदार काशीपुर निवासी कृष्ण पाल भारद्वाज ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि फ्लैट मैदान में 36 दिन के लिये झूलों के संचालन का काम बिना टेंडर आमंत्रित किये औने पौने दामों दिया गया है । यही नहीं जिस व्यक्ति को झूले संचालन का काम दिया है, जिनमें लक्ष्मीकांत गुप्ता व रमेश सजवाण शामिल हैं, को देहरादून के चाटर्ड एकाउंटेंड सतनाम सिंह द्वारा जारी वार्षिक टर्न ओवर रिपोर्ट मनगढ़ंत व फर्जी हैं । इस याचिका को गम्भीरता से लेते हुए मुख्य न्यायधीश की अध्यक्षता वाली खण्डपीठ ने 10 अक्टूबर को फ्लैट में लगे झूलों को नियम विरुद्ध मानते हुए उन्हें तत्काल हटाने के आदेश दिए । 12 अक्टूबर को इस मामले की पुनः हुई सुनवाई पर हाईकोर्ट ने फ्लैट में झूले लगाने के नाम पर भारी गड़बड़ी की आशंका जताई । हाईकोर्ट ने इस मामले का स्वतः संज्ञान लेकर मामले को जनहित याचिका के रूप में पंजीकृत कर लिया । कोर्ट ने चार्टड एकाउंटेंड द्वारा 30 अगस्त 2023 को एक दिन में दो तरह की मनगढ़ंत टर्न ओवर रिपोर्ट देने पर उक्त चार्टड एकाउंटेंड की जांच के भी आदेश दिए । याचिका की 17 अक्टूबर को हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने इस मामले में पालिकाध्यक्ष के अधिकार सीज कर दिए और ई ओ, आलोक उनियाल को निलंबित कर दिया था । नगर पालिकाध्यक्ष ने इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में भी चुनौती दी । लेकिन सुप्रीम कोर्ट से भी उन्हें राहत नहीं मिली ।
17 अक्टूबर के आदेश–:
 अब आगामी हफ्ते में पालिकाध्यक्ष की रिव्यू याचिका की सुनवाई होनी है और पालिकाध्यक्ष के अधिकार आखिरी के दिनों में बहाल होंगे या नहीं यह देखना दिलचस्प होगा ।

By admin

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