नैनीताल । उत्तराखंड हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत राज्य में बनायी जा रही सड़कों के ऊपर मिट्टी बिछाने वाले ठेकेदारों से रॉयल्टी के अतिरक्त, राज्य सरकार द्वारा 25 प्रतिशत टैक्स वसुलने के डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन के आदेश को चुनौती दी जाने वाली विशेष अपील पर सुनवाई की। मामले की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायधीश के बाद मुख्य न्यायधीश व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खण्डपीठ ने इस आदेश पर रोक लगा दी है ।
मामले के अनुसार अल्मोड़ा के एनएस सुपर कंट्रेक्शन प्राइवेट लिमिटेड ने उच्च न्यायालय में विसेष अपील दायर कर कहा कि पी एम जी एस वाई के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में बनने वाली सड़क में मिट्टी बिछाने के लिए टेंडर आबंटित किये थे। जिसकी रॉयल्टी उनके द्वारा जमा की गई। अब सरकार ने बिना टेंडर को संशोधित किए उनसे 25 प्रतिशत अतिरिक्त, डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन में जमा करने के आदेश इस कार्य मे लगे सभी ठेकेदारों को दिए हैं और उन्हें नोटिस जारी कर 20 लाख तक का रिकवरी नोटिस जारी कर दिया है। याचिकाकर्ता का कहना है कि टेंडर के वक्त ये शर्त नहीं थी। अब जब कार्य पूर्ण हो चुका है उनसे रॉयल्टी के अतरिक्त 25 प्रतिशत टैक्स क्यों वसूला जा रहा है। जो टेंडर के शर्तों के विपरीत है। लिहाजा इस पर रोक लगाई जाय। अपील में यह भी कहा गया है कि न तो वे सड़क निर्माण में शामिल थे न ही सड़क से निकलने वाले खनन सामग्री में । उनका कार्य रोड को केवल मिट्टी बिछाकर समतल करने का है । उनके ऊपर रोड समतलीकरण के नाम पर रॉयल्टी के अतरिक्त 25 प्रतिशत अतिरिक्त कर लगाना गलत है ।