नैनीताल । शिल्पकार सभा नैनीताल द्वारा सोमवार को डॉ० प्रहलाद आर्य वरिष्ठ उपाध्यक्ष शिल्पकार सभा की अध्यक्षता में मुंशी हरि प्रसाद टम्टा की 138वीं जयन्ती मनाई गई।
कार्यक्रम का प्रारम्भ मुंशी हरि प्रसाद टम्टा के चित्र पर माल्यार्यण एवं पुष्प अर्पित कर हुआ। तत्पश्चात् विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।
वक्ताओं ने मुंशी हरि प्रसाद टम्टा के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि आज ही के दिन 26 अगस्त 1887 को मुंशी हरि प्रसाद टम्टा का जन्म गोविन्द प्रसाद एवं गोविन्दी देवी के घर हुआ। बचपन में ही पिता के निधन के बाद उनका पालन पोषण उनके मामा कृष्णा टम्टा ने किया। सन्1902 में प्रथम श्रेणी में मैट्रिक परीक्षा उत्तीर्ण की तथा उर्दू और फारसी में शिक्षा ग्रहण कर मुंशी की उपाधि ग्रहण की थी। अल्मोड़ा में 1911 में जार्ज पंचम की बैठक में अपने मामा के साथ गए जहां हरि प्रसाद टम्टा को सवर्णों ने अपने साथ बैठाने व कुर्सी देने से इन्कार कर दिया। इस घटना से आहत होकर उन्होने सामाजिक असमानता को दूर करने का संकल्प लिया। 1914 में शिल्पकार सभा की स्थापना की। 1926 में शिल्पकार नाम को मान्यता दिलाई।
शिल्पकार समाज के लोगों को 35 हजार एकड़ भूमि आवंटित कराई।150 स्कूल खुलवाये। सेना व पुलिस में भर्ती करवाया।1933 में अल्मोड़ा नगर पालिका के मेंबर चुने गए। 1934 में समता अखबार चलाया। 1936 में गोंडा से विद्यायक तथा 1942 से 1945 तक अल्मोड़ा नगर पालिका के अध्यक्ष रहे। 1930 में प्रथम गोलमेज सम्मेलन में डॉ० अम्बेडकर को दलित प्रतिनिधि होने संबंधी तार भेजा जिससे लंदन में दलित प्रतिनिधि के रूप में डॉ० भीमराव अम्बेडकर ने प्रतिभाग किया। अल्मोड़ा डिग्री कालेज को भूमि प्रदान की थी। 23 फरवरी 1960 को उनका निधन हुआ। कार्यक्रम का संचालन शिल्पकार सभा के सचिव देवेंद्र प्रकाश ने किया।
कार्यक्रम में संजय कुमार संजू पूर्व अध्यक्ष नगर पालिका परिषद नैनीताल, डॉ० प्रहलाद आर्य, राजेन्द्र प्रसाद,सुरेश चन्द्र, इंद्र कुमार,देवेन्द्र प्रकाश आदि उपस्थित रहे।