हर साल 24जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस पूरे प्रदेश व देश में बालिका दिवस प्रतिवर्ष मनाया जाता है।
बेटी बोझ नहीं सम्मान है, बेटी गीता और कुरान है, बेटी घर की प्यारी सी मुस्कान , बेटी मां बाप की जान है। बेटी होने से बाप को दान में महादान कन्या दान करने का अवसर मिलता है।
बेटी ही किसी घर की ,बहू बनती है बेटी ही किसी घर की मां बनती है, बेटी किसी घर की सास बनती है बेटी ही किसी घर की मां बनती है। इसलिए बेटी का स्थान एक मां के तौर होना चाहिए ।
हिन्दू धर्म के अनुसार जिस घर में बेटी और गाय होती है उस घर में कभी धन व लक्ष्मी की कमी नहीं होती है।
कन्या व गैया का स्थान आज भी हमारे हिन्दू धर्म में सबसे ऊपर है।
कोई भी शुभ कार्य या कोई भी देवी देवताओं की पूजा अर्चना या कोई काम करते समय सबसे पहले गाय व कन्या की जरूरत पड़ती है। हिन्दू शास्त्रों के अनुसार जिन लोगों ने अपने शुभ कार्य व अन्य देवी देवताओं की पूजा में कन्या व गाय को सम्मान दिया उस व्यक्ति के सारे बिगड़े काम व अधूरे काम सिद्ध हो जाते हैं।
आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे पहले कोई भी शुभ कार्य या कोई देवी देवताओं की पूजा या कोई पित्रर कार्य के समय गाय को गौग्रास और कन्या के पैरों को धोकर भोजन खिलाने की परंपरा व कन्या को भेंट देने की परंपरा है।।
इसलिए कहा गया है जिस परिवार में बेटी और घर में गाय है उस परिवार में हमेशा शान्ति व लक्ष्मी का निवास होता है।
लेकिन आज के आधुनिक युग में हिन्दू धर्म में कन्या व गाय को बहुत कम महत्व दिया जा रहा है ।
राष्ट्रीय बालिका दिवस प्रतिवर्ष मनाया जाता है लेकिन लड़की के लिए अत्याचारों के लिए व लड़की के दहेज़ के लिए कठोर नियम नहीं बनाया गया।