हल्द्वानी । आध्यात्मिक साहित्यिक संस्था काव्यधारा, रामपुर ( उ०प्र०) की उत्तराखंड प्रांतीय इकाई रुद्रपुर के तत्वावधान में विराट कवि सम्मेलन, सम्मान समारोह एवं पुस्तक-विमोचन का आयोजन संस्थापक -अध्यक्ष जितेन्द्र कमल आनंद की अध्यक्षता में मंगलम् बैंकेट लॉन हल्द्वानी में रविवार को नववर्ष के उपलक्ष्य में सफलता पूर्वक सम्पन्न हुआ ।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ ० महेश मधुकर (बरेली-उ०प्र०), विशिष्ट अतिथि राम किशोर वर्मा (रामपुर-उ०प्र०) और श्रीमती संध्या निगम (झांसी-उ०प्र०), संरक्षक श्रीमती आशा शैली (लालकुंआ) व सुबोध कुमार शर्मा ‘शेरकोटी’ गदरपुर , प्रांतीय अध्यक्ष डॉ ० गीता मिश्रा ‘गीत'(हल्द्वानी, उत्तराखंड महासचिव सुश्री पुष्पा जोशी ‘प्राकाम्य'(शक्ति फार्म), उ० खं० प्रांतीय उपाध्यक्ष राम रतन यादव (खटीमा), सुभाष राहत ‘बरेलवी’, मीना अरोड़ा हल्द्वानी तथा डॉ0रेखा त्रिवेदी (नैनीताल) मंचासीन रहे ।
अध्यक्ष जितेंद्र कमल आनंद सहित सभी अतिथियों द्वारा माँ शारदे के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्वलित और पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम का श्रीगणेश किया गया । संयोजिका डॉ ० गीता मिश्रा ‘गीत’ द्वारा सरस्वती वंदना से कार्यक्रम प्रारंभ किया गया ।
डॉ ० महेश मधुकर ने सभी को शुभकामनाएं दीं –
आर्तनाद का कहीं न स्वर हो ।
सदा सुमंगल ही घर-घर हो ।।
राम किशोर वर्मा ने प्रेम पर अनुपम रचना प्रस्तुत करके खूब तालियां बटोरी:-
इतना कब था मुझमें साहस, प्यार -व्यार में पड़ पाता ।
हुई नहीं होती यदि शादी, मैं तो क्वारा रह जाता ।।
जितेन्द्र कमल आनंद ने कहा :-
हम रचाने आ गये संसार फिर स्वप्निल धरा पर ।
हो परस्पर प्यार इतना, एकता के गीत गाए ।।
उ०खं० प्रांतीय उपाध्यक्ष सत्य पाल सिंह ‘सजग’ (लालकुआं) ने गुरुदेव जितेन्द्र कमल आनंद को स्वागत-पत्र भेंट करते हुए कहा :-
देते सबको छांव आप वह वट हैं छायाधारी ।
सभी के प्रति अनुरागी! ‘सजग’ हम सब बड़भागी ।।
उ०खं० प्रांतीय महासचिव सुश्री पुष्पा जोशी ‘प्राकाम्य’ ने भी संस्थापक -अध्यक्ष जितेन्द्र कमल आनंद गुरुदेव को अंगवस्त्र तथा सम्मान में सम्मान पत्र भेंट करते हुए अपने काव्यात्मक उद्गार इस प्रकार व्यक्त किये :-
अंतर में संचित ज्ञानकोश
संभाव सभी को देते हैं ।
संभाव सहित समदृष्टि रखें गुरु नहीं भटकने देते हैं ।।
इसी क्रम में डॉ० गीता मिश्रा ‘गीत’ ने भी अंगवस्त्र भेंट करते हुए उनके सम्मान में इस प्रकार कहा :-
गुरुदेव आपका स्वागत है ।
लोकार्पित काव्य नाटक प्रति की रचनाकार मीना अरोड़ा ने राष्ट्रीय-अध्यक्ष जितेन्द्र कमल आनंद को उपहार भेंट करते हुए कहा:-
छाँव सुहाती है सबको ही
शीतलता बरसती मुझ पे भी ।
उक्त के अतिरिक्त इस आयोजन में सम्मानित रागिनी गर्ग ‘चुनमुन’ (रामपुर), राम किशोर वर्मा (रामपुर), डॉ ० महेश मधुकर (बरेली-उ०प्र०), सुभाष राहत बरेलवी, गौरव त्रिपाठी (हल्द्वानी), डॉ ० वेद प्रकाश (हल्द्वानी), आशा शैली (लालकुआं), डॉ ० शालिनी शर्मा ‘मुक्ता’ (बरेली), विद्या महतोलिया (हल्द्वानी), सौम्या दुआ (हल्द्वानी), रेखा त्रिवेदी (नैनीताल), विजय कुमारी ‘मुक्ता’ (हल्द्वानी), डॉ ० मंजु पाण्डेय उदिता (हल्द्वानी), राजबाला धैर्य (बरेली), सुबोध कुमार शर्मा ‘शेरकोटी’ (गदरपुर), संजीव तपन (फिरोजाबाद), मीना अरोड़ा (हल्द्वानी), हरीश जोशी (नेपाल), लक्ष्मी प्रसाद भट्ट (नेपाल), राजवीर ‘राज’, सुरेन्द्र अश्क रामपुरी, ओंकार सिंह ‘विवेक’ आदि ने भी काव्य पाठ कर श्रोताओं की खूब वाहवाही लूटी ।
संस्था के राष्ट्रीय महासचिव राम किशोर वर्मा को सम्मानित करने के अवसर पर सहयोग देने के लिए उनकी धर्मपत्नी श्रीमती कुसुम लता वर्मा को सम्मान स्वरूप शॉल भेंट की गयी ।
मीना अरोड़ा की काव्य नाटक कृति “सम्भवामि युगे-युगे” का लोकार्पण करते हुए जितेन्द्र कमल आनंद ने कहा कि उनकी यह कृति श्रीमद् भागवत गीता के सत्रहवें व अट्ठारहवें अध्याय पर केन्द्रित है ।जो साहित्यिक क्षेत्र में स्वागत- योग्य है । इस कृति से वह यशस्वी होंगी । इस के अतिरिक्त राम रतन यादव एवं बीना भट्ट बड़सीलिया ने भी उनकी भूरी-भूरी प्रशंसा की ।
अंत में जितेंद्र कमल आनंद ने डॉ ० गीता मिश्रा गीत, अशोक मिश्रा जी एवं पुष्पा जोशी ‘प्राकाम्य’ के सफल आयोजन की भूरि-भूरि प्रशंसा की और सभी आगंतुकों , सम्मानित काव्यकारों व पत्रकारों का हार्दिक आभार व्यक्त किया । संचालन सत्यपाल सिंह ‘सजग’ ने किया ।