नैनीताल । जिला एवं सत्र न्यायाधीश नैनीताल राजेन्द्र जोशी ने जमीन के नाम पर करोड़ों रुपयों की जालसाजी करने वाले आरोपी गुजन पाण्डे पुत्र जगदीश चन्द्र पाण्डे व भावना पाण्डे पुत्री स्व0 जगदीश पाण्डे निवासी भीमताल का अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र धारा-420.405 मा०दसं० के अन्तर्गत मामले की गंभीरता को देखते हुए खारिज किया। जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी सुशील कुमार शर्मा द्वारा जमानत का विरोध करते हुए बताया कि 3 मार्च 2022 को थाना भीमताल में रिपोर्टकर्ता राम कुंवर सिंह पुत्र स्व० केदार नाथ सिंह -65 वर्नन कॉटेज, लौंग व्यू तल्लीताल, नैनीताल में रिपोर्ट दर्ज करायी कि रिपोर्टकर्ता एवं आकाश गंगा प्रा०लि०पीलीकोठी हल्द्वानी के निर्देशक हैं । रिपोर्टकर्ता आर्केटेक्शन एन्ड डेवलपमेन्ट का कार्य करता है, अभियुक्तगणों ने रिपोर्टकर्ता को अपनी भूमि बताकर 62 नाली भूमि का 03.062021 को इकरारनामा किया । जमीन जिस पर प्रोजेक्ट तैयार करना था रिपोर्टकर्ता द्वारा अपना पैसा लगाकर प्रोजेक्ट तैयार करना था । प्रोजेक्ट में गुजन पाण्डे व भावना पाण्डे 30 प्रतिशत व रिपोर्टकर्ता आनसिंह 70 प्रतिशत के भागीदार होगे, गुंजन पाण्डे व भावना पाण्डे के आश्वासन से संतुष्ट होकर रिपोर्टकर्ता ने इकरारनामा के पूर्व गुजन व भावना को 40 लाख रू० एवं इकरानामे के बाद 10 लाख आरटी०जी०एस० एवं कैश के माध्यम से प्रदान किया । इसके उपरान्त मौके पर रिपोर्टकर्ता में निर्माण व विकास से संबंधित जो भी सरकारी औपचारिकतायें होनी चाहिए थी, उस पर अपना कार्य प्रारम्भ किया. साथ ही जमीन में डेवलपमेन्ट का कार्य शुरू किया. इस तरह रिपोर्टकर्ता ने प्रोजेक्ट पर 2013-14.15 में 1 करोड़ 45 लाख खर्च किया, यही नहीं अभियुक्तगणों द्वारा रिपोर्टकर्ता से झील विकास प्राधिकरण से मानचित्र पास कराने हेतु कूटरचित दस्तावेज बनाये गये । आज दिन तक रिपोर्टकर्ता के हक में कोई रजिस्टी इत्यादि नहीं की । जांच करने पर पता चला कि जिस भूमि में रिपोर्टकर्ता को अभियुक्तगणों द्वारा जिस भूमि में उक्त कार्य हेतु कब्जा दिया गया था यह भूमि अभियुक्तगणों के नाम पर ही नहीं थी। रिपोर्टकर्ता ने इकरारनामे के तहत उक्त भूमि का विकास करने हेतु 3 करोड, 95 लाख रू० अभियुक्तगणों द्वारा छल कर नकद प्राप्त किये एवं कुछ धनराशि उक्त भूमि के विकास में खर्च करा दिये। यह भी तर्क रखा कि भावना व गुंजन द्वारा आवासीय योजना हेतु मानचित्र स्वीकृत हेतु कूटरचित कर नक्शे में अपनी भूमि को पूर्णतः अपना बताकर जल संस्थान अग्निशमन विद्युत विभाग, वन विभाग लोक निर्माण विभाग को मानचित्र स्वीकार हेतु अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करते हुए अपने कूटरचित नक्शा अपनी भूमि के साथ खसरा सं0-465,466472473 जिसमें अन्य खातेदार भी शामिल थे अपना बताकर जिला विकास प्राधिकरण को मानचित्र स्वीकृत कराने हेतु पत्रावली में दाखिल किया जबकि विवेचना में पाया कि उक्त खातों में कोई मानचित्र स्वीकृत नहीं हुआ है। अभियुक्तगण भावना व गुंजन के विरुद्ध एन०बी०डब्लू का आदेश प्राप्त कर उनके निवास स्थान पर गिरफतारी हेतु दबिश दी गयी तो अभियुक्तगण उक्त पते पर नहीं मिले। अभियुक्तगणो द्वारा ना तो विवेचना में सहयोग किया जा रहा है और ना ही पाण्डे गाँव स्थित जमीन के संबंध में कोई ठोस प्रमाण नहीं दिये जा रहे है. दोनों के विरूद्ध धारा-82 83 की कार्यवाही चल रही है और दिये गये पते से फरार चल रहे हैं। अभियुक्तों के जमानत पर रिहा होने पर भागने की पूर्ण संभावना है। जिस कारण अभियुक्तगण अग्रिम जमानत खारिज कर दी ।