नैनीताल । जिलाधिकारी नैनीताल वन्दना व एस एस पी नैनीताल प्रह्लाद नारायण मीणा ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये कोर्ट में पेश होकर बताया कि नैनीताल में हल्द्वानी रोड से वाहनों के प्रवेश व कालाढुंगी रोड से बाहर जाने हेतु किये गया ‘वन-वे’ ट्रायल सफल नहीं हुआ और वन वे व्यवस्था किया जाना सम्भव नहीं है । जिलाधिकारी ने नैनीताल में जाम न लगने के लिये किये जा रहे प्रयासों जिनमें चौराहों का चौड़ीकरण मुख्य है,की जानकारी कोर्ट को दी ।
नैनीताल में पर्यटन सीजन के दौरान शहर के अंदर लगने वाले जाम से स्थानीय लोगों सहित पर्यटकों को होने वाली दिक्कतों को लेकर योजित जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए जिला प्रशासन से समस्या के निवारण हेतु 4 सप्ताह में प्लान पेश करने को कहा है। मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट ने 4 सप्ताह बाद की तिथि नियत की है। आज मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश रितु बाहरी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खण्डपीठ में हुई।
आज हुई सुनवाई के दौरान जिला अधिकारी व एसएसपी ने कोर्ट को बताया कि बीते माह कोर्ट के निर्देशों पर नैनीताल के लिए बनाया गए वन वे ट्रायल ट्रैफिक प्लान लागू करके देखा गया जो असंभव था। रूट डायवर्जन के दौरान जहाँ स्थानीय व व्यापारियों को हल्द्वानी जाने के लिए एक से डेढ़ घण्टा लगता था उन्हें कालाढूंगी से भेजने पर ढाई तीन घण्टे तक का समय लगा। जिसकी वजह से प्रशासन , पुलिस सहित स्थानीय लोगों को भी कई समस्याओं से गुजरना पड़ा।
इसी मामले में टैक्सी युनियन नैनीताल के प्रार्थना पत्र में भी सुनवाई हुई । जिसमें टैक्सी युनियन को आंशिक राहत मिली है । कोर्ट ने टैक्सियों के परमिट के नवीनीकरण की अनुमति दी है लेकिन नए परमिट जारी करने पर रोक जारी है ।
नैनीताल निवासी प्रो. अजय रावत की जनहित याचिका में ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर दायर प्रार्थना पत्र पर खण्डपीठ ने सुनवाई की। प्रार्थना पत्र में कहा गया कि नैनीताल में पर्यटक सीजन के दौरान आए दिन लगने वाले जाम से स्थानीय लोगो को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।शहर के अंदरूनी मार्गों में जाम लगने से स्कूली बच्चे व कर्मचारी तय समय मे अपने जगह पर नही पहुँच पा रहे है। अधिक जाम लगने से पैदल चलने वाले लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने जिला प्रशासन से कहा था कि नगर के लिए नया ट्रैफिक प्लान बनाएं। उसका ट्रायल करके रिपोर्ट कोर्ट में पेश करें और जिलाधिकारी व एसएसपी भी सुनवाई के दौरान कोर्ट में मौजूद वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मौजू रहे ।