(पूरन मेहरा, संस्थापक ग्वल सेना,गैर राजनीतिक संगठन)
बढ़ता नशा परिवार व समाज के लिए के लिए पीड़ा परेशानी दहशत का कारण बनता जा रहा है । नशे के कारण कई कई परिवार संकट से जूझ रहे हैं । नैनीताल सहित पूरे उत्तराखंड में नशे से अनगिनत दुखदाई घटनायें हुई हैं । कई कई लोग काल के गाल में समा गए हैं कितने ही परिवारों के चिराग बचे ही नहीं, वंश परम्परा तक में विराम लगा है । नशे को हर कोई समझ रहा है महसूस कर रहा है —नशे से पीड़ित भी घर व परिवार है और उत्पीड़क भी परिवार का है । जिसे हम अपने आसपास देख सकते हैं ।नशे की भयानक स्थिति को समझना होगा । नशे के कारोबार करने वालों व उनके कारीगरों को पहचानने की ज़रूरत है । उन पर कड़ा प्रहार करने की ज़रूरत है । नशे के खिलाफ युद्ध छेड़ने की घोषणा करने की ज़रूरत है क्योंकि युवक युवतियों सहित महिलाओं में भी यह प्रवृत्ति बहुत तेज़ी से बढ़ रही है और कहीं भी सार्वजनिक रूप से देखा जा सकता है । जो सोचने पर मजबूर कर रहा है । हमारे सामने -प्रश्न खड़ा है । बढ़ते नशे की हर कोई बात करता है सरकार से लेकर विपक्ष शासन प्रशासन सभी नशे के खिलाफ अभियान चलाते हैं फिर भी नशा जिन्न की तरह हर जगह दिखाई देता है । कभी शादी समारोह में बढ़प्पन दिखाई देने के लिए हो या चुनावों में डिस्लरियों से ट्रकों के ट्रक की खेप निकल गरीब आम व ख़ास व्यक्तियों के द्वार तक आसानी से पहुँच जाती है । नशे के चुनिंदा सौदागर गली शहर से लेकर गाँव गाँव गली गली पहुँच गए हैं । जबकि व्यक्तियों को खुश करने के बजाए नशे को हतोत्साहित किया जाना था वह नहीं किया जाता । हम नशे से छुटकारा तो पाना चाहते हैं आगे आना नही चाहतें हैं । यदि ऐसा किया तो कुछ लोग नाराज़ होंगे । लेकिन समाज हित में और जनता के हित में व्यक्तिगत हित को दरकिनार करते हुए नशे के विरोध की सख्त आवश्यकता हमेशा रही थी आज भी है । यदि ऐसा नहीं किया तो जो देव भूमि कभी ऋषि मुनियो की तपस्थली रही । वीर सपूतों की थाती रही व पवित्र माटी रही व युवा जो राज्य और राष्ट्र का भविष्य हैं ना वो बचेगा ना वो हमें माफ़ करेंगे । नशे की भयानकत्ता को हम जान नहीं रहे हैं । जान रहे तो समझ नही रहे हैं समझ रहे हैं तो मौन हो जाते हैं । झंझट मोल नहीं लेना नहीं चाहते हम । अनुचित को स्वीकार करने के आदी होने के कारण नशे जैसी भयानक कुरीतियाँ को बढ़ावा मिल रहा है । लाख कोशिशों के बाद भी नशा परिवार व समाज में तबाही बर्बादी ला रहा है। अब नशे की भयानक दुष्प्रभाव को समझना होगा । व्यक्तियों को खुश करने के बजाए नशे को हतोत्साहित किया जाना चाहिए । नशे से और नुक़सान न हो कठोरतम निर्णय लिए जायें । व्यक्ति विशेष को छोड़कर आमजन विशेष कर छोटे बच्चों महिलाओं युवाओं युवतियों के भविष्य को देखते हुए नशे से भविष्य में हो सकने वाले नुक़सान को दृष्टिगत रखना आवश्यक है, अन्यथा निकट भविष्य में नशेबाजों का राज्य राष्ट्र विरोधी तत्व उन्हें गुमराह कर अपराध के रास्ते पर ले जाकर बड़ी घटनाओं को अन्जाम देने में सफल हो जायेंगीं और इस देवभूमि की शान्ति सुन्दरता चरित्र ज़िन्दादिली जो ऐसी ताक़तों के निशाने पर है उसको बचाने की चुनौती का सामना मुश्किल काम होगा
आइए, 6 दिसंबर मंगलवार 2 बजे से तल्लीताल नैनीताल में ग्वल सेना ग़ैरराजनीतिक संगठन द्वारा आयोजित नशा —छोड़ो, दूध पियो, कार्यक्रम में आप सादर आमंत्रित हैं । पूरन सिंह मेहरा, नैनीताल ।