नैनीताल । नैनीताल से हाईकोर्ट शिफ्टिंग के मुददे को लेकर बार एसोशिएसन सभागार में अधिवक्ताओं की आम सभा में हाईकोर्ट शिफ्टिंग का के पक्षधर व विरोध कर रहे पक्ष में जमकर हंगामा हुआ और नौबत हाथापाई तक जा पहुंची । भारी हंगामे के बीच यह बैठक बिना किसी नतीजे पर पहुंचे रद्द हो गई ।
बुधवार को बार एसोसिएशन अध्यक्ष प्रभाकर जोशी की अध्यक्षता में अधिवक्ताओं की जनरल मीटिंग आहूत की गई। बैठक का संचालन करते हुए सचिव विकास बहुगुणा ने बताया कि हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों का एक शिष्टमंडल विगत दिवस मुख्य न्यायधीश से मिला था । अध्यक्ष प्रभाकर जोशी ने मुख्य न्यायधीश के साथ हुई बैठक की जानकारी देते हुए बताया कि मुख्य न्यायधीश ने अवगत कराया कि राज्य सरकार का हाईकोर्ट के पास हाईकोर्ट शिफ्ट करने का प्रस्ताव आया और हाईकोर्ट से राय मांगी गई थी और हाईकोर्ट ने, शिफ्ट करने की अनुमति दे दी गई थी । जिस पर बार एसोसिएशन द्वारा स्पष्ट कह दिया गया था कि जहां पर भी हाईकोर्ट होगी वहां पर अधिवक्ताओं के चेंबर, कैंटीन, लाइब्रेरी, कॉलोनी, पार्किंग, सहित अन्य सभी मूल सुविधा एक साथ होनी चाहिये । वहां पर ट्रिब्यूनल कोर्ट भी होनी चाहिए ।
अध्यक्ष प्रभाकर जोशी द्वारा दी गई इस जानकारी से सभागार में हंगामा हो गया और अधिवक्ता उन पर बरस पड़े । उनका कहना था हाईकोर्ट बार उच्च न्यायालय को नैनीताल से शिफ्ट करने की अनुमति दे आया है । तो इस बैठक का क्या औचित्य है । जबकि प्रभाकर जोशी का कहना था हमारे द्वारा कोई भी अनुमति नहीं दी गई । इस बीच अधिवक्ताओं और बार पदाधिकारियों के बीच आमने सामने तीखी नोकझोंक हुई और मामला हाथापाई तक पहुंच गया । जिसका अन्य अधिवक्ताओं ने बीच-बचाव किया। अधिवक्ता रमन शाह ने कहा जनता ने पहाड़ को विकसित करने के लिए जो राज्य की मांग की थी और राज्य बनने के बाद 9 नवंबर 2000 केंद्र सरकार द्वारा नोटिफिकेशन जारी कर नैनीताल में उच्च न्यायालय बनाने का नोटिफिकेशन किया और अब उच्च न्यायालय का शिफ्ट होने का अगर सरकार द्वारा कोई भी नोटिफिकेशन किया जाता है तो हाईकोर्ट में रिट दायर कर इसके लिए लड़ाई लड़ी जाएगी और सर्वोच्च न्यायालय तक स्थानांतरण के विरोध में लड़ाई लड़ी जाएगी । उन्होंने कहा कि बिना संसद के प्रस्ताव के कोई आदेश नहीं माना जाएगा । मुख्यमंत्री का आदेश भी मान्य नहीं होगा । कई वक्ताओं ने कहा कि उत्तराखण्ड विरोधी लोग नैनीताल से हाईकोर्ट शिफ्टिंग की बात कर रहे हैं जो दुखद है। और अगर उच्च न्यायालय को शिफ्ट ही करना है तो गैरसैण होना चाहिए । हंगामा और बढ़ता देख अध्यक्ष प्रभाकर जोशी द्वारा अनिश्चितकाल के लिये बैठक की कार्रवाई स्थगित कर दी। हाई कोर्ट बार अध्यक्ष प्रभाकर जोशी का कहना था एक साथ ही लड़ाई लड़ी जाएगी । फिलहाल अनिश्चित काल के लिए बैठक को स्थगित की जा रही है । अगली बैठक एजेंडा बनाकर की जाएगी। इस मौके पर उपाध्यक्ष प्रशांत जोशी, डॉ0 महेंद्र सिंह पाल, एम सी पन्त, सैयद नदीम मून, दुर्गा मेहता, पूरन रावत,जगदीश कर्नाटक, मयंक पाण्डे, हेमा शाही, नवीन आर्या, अजय बहुगुणा, शक्ति प्रताप सिंह, भुवनेश जोशी नवनीश नेगी, विजयलक्ष्मी फर्त्याल, नवनीश नेगी, सुहास रतन जोशी, गीता परिहार, बिजयन्त पंत, डी के जोशी, , के के तिवारी, महावीर कोहली, हिमांशु असवाल, अपूर्व चौहान, त्रिलोचन पाण्डे, एन के पपनोई, कैलाश चन्द्र तिवारी,प्रेम कौशल, विकास सिंह यादव, मनोज कुमार, जयवर्धन काण्डपाल, सुहास रतन जोशी,अविदित नौलियाल, पंकज सिंह चौहान, बी एस कोरंगा, शैलेन्द्र नौरियाल, शिवानन्द भट्ट, भुवनेश जोशी, योगेश पचौलिया, बी एस रावत, गौरव कुमार सहित अन्य अधिवक्ता मौजूद थे।