नैनीताल । उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने सत्येंद्र चन्द्र गुड़िया लॉ कॉलेज काशीपुर की कुमाऊं विश्वविद्यालय से सम्बद्धता सम्बन्धी याचिका कुमाऊं विद्यालय द्वारा लॉ कॉलेज के पक्ष में निर्णय लेने के बाद निस्तारित कर दी है । लेकिन आगे के सत्र में सम्बद्धता बनाये रखने के लिये कॉलेज को अलग से याचिका दायर करनी होगी । जिसे गुण दोष के आधार पर सुना जाएगा । मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ में हुई ।
मामले के अनुसार कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल से एस सी गुड़िया लॉ कालेज की सम्बद्धता पहले तीन वर्ष की अवधि के लिए मिली हुई थी। जिसे कुमाऊं विश्व विद्यालय की रिपोर्ट के बाद राजभवन ने मात्र एक वर्ष कर दिया । जिसके विरुद्ध एस सी गुड़िया लॉ कालेज काशीपुर और अन्य 07 कालेजों ने उच्च न्यायालय नैनीताल में याचिका दायर की थी। इस याचिका की सुनवाई के दौरान कुमाऊं विश्व विद्यालय के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि इस अवधि में छात्र छात्राओं को परीक्षा देने व उन्हें अंकपत्र जारी करने की अनुमति दी जा चुकी है । विश्व विद्यालय के इस वक्तव्य के बाद हाईकोर्ट ने सत्येंद्र चन्द्र गुड़िया लॉ कॉलेज की याचिका बन्द कर दी तथा कहा कि आगे की सम्बद्धता के लिये उन्हें नए सिरे से याचिका दायर करनी होगी । जिसे मैरिट के आधार पर सुना जाएगा ।