नैनीताल । जिला उपभोक्ता आयोग नैनीताल ने मोतिया बिन्द के ऑपरेशन के बाद अपनी आंख की रोशनी गवाने वाले तीन पीड़ित व्यक्तियों को कुल तीन-तीन लाख रूपये मुआवजे के तौर पर डेढ़ माह (45 दिनों) की अवधि में अदा करने के आदेश पारित किए हैं। ज्ञातव्य है कि स्व० रमेश चन्द्र जोशी (सेवा निवृत सैनिक) पूरन सिंह व श्रीमती शाहिदा खातून द्वारा अक्टूबर-2017 को अपनी आंख में मोतिया बिन्द का ऑपरेशन वेणू नेत्र संस्थान रामनगर, जिला नैनीताल करवाये गये थे। ऑपरेशन करवाने के दो दिनों में ही पीड़ित लोगों की आंख में सूजन आ गई तथा उसमें पस बनना पाया गया। अस्पताल द्वारा आगे उपचार करने पर भी पीडितों की आंखों की ज्योति खत्म होने से बचाई नहीं जा सकी। आयोग के अध्यक्ष रमेश कुमार जायसवाल,सदस्य विजय लक्ष्मी थापा व लक्ष्मण सिंह द्वारा परिवाद की पत्रावली में उपलब्ध प्रपत्रों के अवलोकन किये जाने पर पाया गया कि यदि उक्त ऑपरेशनों में डॉक्टर की कोई त्रुटि नहीं भी मानी जाये तो भी पीडितों की आंखों में सूजन आने तथा पस बनना शुरू होने के पीछे कही ना कही ऑपरेशन थियेटर में प्रयोग में लाये गये उपकरण, तौलिय-कपड़े आदि की साफ-सफाई तथा उन्हें ऑपरेशन हेतु पूरी तरह सुरक्षित बनाने में हुई कोई चूक तथा लापरवाही कारण था, जिसकी समुचित व्यवस्था करना विपक्षी नेत्र संस्थान के प्रबन्धक मण्डल की ही जिम्मेदारी ठहरती है। जिस पर आयोग ने वेणू नेत्र संस्थान, रामनगर, नैनीताल के प्रबन्धक मण्डल को पीड़ितों को हुई परेशानी शारिरिक क्षति एवं मानसिक वेदना तथा आर्थिक परेशानियों के लिए जिम्मदार मानते हुए तीनों पीड़ितों को अलग-अलग तीन-तीन लाख रूपये अदा करने का आदेश दिया। आयोग ने कहा है कि यदि निर्धारित समयावधि के भीतर पीड़ितों को उपरोक्त धनराशि मुआवजे के तौर पर विपक्षी संस्थान के प्रबन्धक मण्डल द्वारा अदा नहीं की जाती है तो पीड़ित व्यक्ति उसकी वसूली के लिए विपक्षी संस्थान के विरूद अग्रेतर कार्यवाही कर सकेगें जिसके हर्जे-खर्चे की अलग से अदायगी भी विपक्षी संस्थान की जिम्मेदारी मानी जायेगी । साथ ही इस आदेश का अनुपालन निर्धारित समयावधि में सुनिश्चित ना किये जाने पर विपक्षी संस्थान उपभोक्ता अधिनियम में वर्णित पेनाल्टी व दण्ड के पात्र भी ठहराये जा सकेंगे।