जिला उपभोक्ता आयोग, नैनीताल द्वारा शहर के प्रतिष्ठित फर्नीचर दुकान स्वामी के ऊपर एक नामचीन कम्पनी के गद्दों की जोड़ी बिना पक्का बिल व गारण्टी कार्ड दिये विक्रय करने पर इसे अनुचित व्यापारिक व्यवहार मानकर रू0 25,000/-रू0 का जुर्माना किया गया। पीडित व्यक्ति द्वारा वर्ष 2015 में उपरोक्त विक्रेता की दुकान से एक जोडी कम्पनी के गद्दों की तय कीमत का भुगतान कर क्रय किये गये थे परन्तु दुकानदार द्वारा मात्र केश मीमो पर गद्दों की कीमत व 7 वर्ष की गारण्टी लिखकर दिया गया था। गद्दों में खराबी आने शिकायत की गयी तो गद्दे बताई गयी कम्पनी के नहीं पाये गये। उपभोक्ता परिवाद की सुनवाई के दौरान दुकानदार द्वारा स्वीकार किया गया कि उन्होंने पीडित पक्ष को गद्दे बेचते समय कोई गारण्टी कार्ड तथा पक्का बिल नहीं दिया गया था। दोनों पक्षों को सुनवाई का समुचित अवसर देते हुए आयोग द्वारा निर्णय व आदेश पारित किया गया। जिसमें पीडित पक्ष को पुराने गद्दों को बदलकर बताई गई कम्पनी के असली नये गद्दे देने तथा मानसिक वेदना की क्षतिपूर्ति हेतु रू0 5000/-(पाँच हजार स०) तथा वाद व्यय के लिए रू0 2000/- (दो हजार रू.) अलग से पीडित को एक माह की अवधि के भीतर देने हेतु आदेशित किया गया। मामले की सुनवाई आयोग के अध्यक्ष रमेश कुमार जायसवाल, सदस्य श्रीमती विजयलक्ष्मी थापा व लक्ष्मण सिंह रावत द्वारा की गई ।