उत्तराखंड हाईकोर्ट द्वारा ईंटार्क मजदूर संगठन के पक्ष में 24 मई को दिए गए फैसले के बाद ईंटार्क प्रबन्धन ने कम्पनी के 32 मजदूरों का दूसरे राज्य में किया गया स्थान्तरण स्थगित करते हुए उन्हें पूर्ववत काम पर वापस लेने का आदेश जारी किया है ।

ज्ञात हो कि इंटरार्क बिल्डिंग मैटीरियल्स प्राईवेट लि. पंतनगर और किच्छा में करीब 16 माह चले लंबे संघर्ष के पश्चात उच्च अधिकारियों की मध्यस्थता में 15 दिसंबर 2022 को लिखित समझौता संपन्न हुआ था। जिसमें आंदोलन के दौरान निलंबित 51 मजदूरों व बर्खास्त 13 मजदूरों सहित सभी 64 मजदूरों की कार्यबहाली करने और मजदूरों के वेतन में 1700 रुपये की वृद्धि आदि शामिल थे।

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64 निलंबित/बर्खास्त मजदूरों में से 34 मजदूरों को 3 माह की अवधि के लिए ओडी हेतु उत्तराखंड राज्य से बाहर भेजा गया और शेष 30 मजदूरों की किच्छा एवं पन्तनगर प्लांट में कार्यबहाली हुई।

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लेकिन मजदूर जब ओडी अवधि पूरी करके वापस आये और किच्छा एवं पन्तनगर प्लांट में ड्यूटी के लिए उपस्थित हुए तो प्रबंधन ने समस्त 32 मज़दूरों की गैरकानूनी रूप से राज्य से बाहर स्थानांतरण का आदेश जारी कर दिया।

जिसके खिलाफ यूनियन हाईकोर्ट गई, जहाँ से अविधिक रूप से किये गए स्थानांतरण पर 24 मई को हाईकोर्ट नैनीताल ने रोक लगा दी। उसी आधार पर प्रबंधन ने कार्यबहाली का पत्र जारी किया

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