नैनीताल । उत्तराखण्ड हाई कोर्ट ने बीड़ी पांडे जिला चिकित्सालय नैनीताल में स्वास्थ्य सुविधाओ के अभाव को लेकर दायर सेवानिवृत्त शिक्षक अशोक साह उर्फ गुरु जी की जनहित याचिका पर सुनवाई की। मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खण्डपीठ ने सरकार से यह बताने को कहा है कि अस्पताल की कितनी भूमि पर अतिक्रमण हुआ है और अभी क्या स्थिति है ? कोर्ट ने सिटी स्कैन की रिपोर्ट जो तीन दिन में आती थी उसे कम से कम 24 घण्टे के भीतर देने पर विचार करने को कहा है। साथ ही रैम्जे अस्पताल की स्थिति व वहाँ पर बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं दिए जाने पर विचार करने को कहा है ताकि बीड़ी पांडे अस्पताल की भीड़ को कम किया जा सके। कोर्ट ने मेट्रोपोल होटल का मेडिकल सुविधा हेतु क्या फायदा उठाया जा सकता है इस पर भी विचार करने को कहा है । मामले की अगली सुनवाई 9 अगस्त की तिथि नियत की है।
आज सुनवाई के दौरान कोर्ट कमिश्नर वरिष्ठ अधिवक्ता वी के कोहली, विकास बहुगुणा व याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अकरम परवेज ने अस्पताल की औचक निरीक्षण रिपोर्ट कोर्ट में पेश की। रिपोर्ट में कहा गया कि अस्पताल में सिटी स्कैन की रिपोर्ट तीन दिन में आती है, अस्पताल में खड़े होने की जगह तक नही है ,जिस दिन अस्पताल का औचक निरीक्षण किया उस दिन अस्पताल के रजिस्टर में 700 मरीज दर्ज थे। पार्किंग की व्यस्था नहीं है। उन्होंने कोर्ट को सुझाव भी दिया कि अस्पताल का बोझ कम करने के लिए रैम्जे अस्पताल में कई विभाग शिफ्ट किए जाएं और मेट्रोपोल होटल का मेडिकल सुविधा के लिए उपयोग किया जाय।
मामले के अनुसार अशोक शाह उर्फ गुरु जी ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि उन्हें छोटी से छोटी शिकायतों के लिए उच्च न्यायलय की शरण लेनी पड़ी रही है। जिले का मुख्य अस्पताल होने के बावजूद अभी भी अस्पताल से छोटी छोटी जांच करने के लिए हल्द्वानी भेज दिया जाता है। इस अस्पताल में जिले से इलाज कराने हेतु दूर दराज से मरीज आते हैं परंतु उनकी जांच करके हायर सेंटर रेफर किया जा रहा है। गुरु जी ने उच्च न्यायलय की खण्डपीठ से प्रार्थना की है कि इस अस्पताल में सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जायँ। जिससे की दूरदराज से आने वाले लोगों को सही समय पर इलाज मिल सके।