नैनीताल । उत्तराखण्ड हाई कोर्ट ने काशीपुर में बरखेड़ापांडे गाँव की सीलिंग भूमि के सम्बंध में पूर्व में दिए गए आदेश का पालन नही करने पर काशीपुर के एसडीएम पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाकर उसे राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण में जमा करने के आदेश दिए हैं साथ मे कोर्ट ने उपजिलाधिकारी को शपथपत्र पेस करने का अंतिम अवसर देते हुए उन्हें 20 जुलाई को कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने को भी कहा है। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खण्डपीठ में हुई।
मामले के अनुसार काशीपुर बरखेड़ापांडे गाँव के पूर्व प्रधान सरफराज ने पूर्व में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि बरखेड़ापांडे गाँव में करीब 13.87 एकड़ सीलिंग की भूमि है। इस भूमि पर कुछ लोगों ने अतिक्रमण कर लिया है और गैर कानूनी ढंग से सीलिंग की भूमि को बेच दिया। शिकायत पर उच्चाधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की। जबकि सीलिंग भूमि की सेल डीड नहीं हो सकती। 26 अगस्त, 2022 को कोर्ट ने जिलाधिकारी ऊधमसिंह नगर, उपजिलाधिकारी काशीपुर, तहसीलदार काशीपुर के अलावा परमहंस, लखविंदर सिंह, कश्मीरी देवी, प्रभात कुमार, राजविंदर और परमजीत कौर को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने को कहा था। उच्च न्यायलय के आदेश का पालन नही करते हुए एसडीएम ने विवादित भूमि पर काबिज लोगों को नोटिस जारी कर दिए। इस नोटिस को कश्मीरी देवी और परमहंस ने उच्च न्यायलय में चुनोती दी। जिस पर कोर्ट ने पिछली तिथि को सुनवाई करते हुए एसडीएम काशीपुर को उनके प्रत्यावेदनों के निस्तारण के आदेश दिए थे, लेकिन इस आदेश का पालन नही हुआ। न ही उपजिलाधिकारी की तरफ से इस सम्बंध में कोई शपथपत्र कोर्ट में पेश किया गया। जिसपर कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त करते हुए उपजिलाधिकारी पर आदेश का पालन नही करने पर 25 हजार का जुर्माना लगाते हुए उन्हें 20 जुलाई को कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश होने के आदेश दिए हैं।