एक दंपति द्वारा किशोरी सदन में रह रही एक बच्ची को उनकी बेटी होने का दावा किया था। इसके बाद जिला न्यायालय अल्मोड़ा के निर्देश पर डीएनए टेस्ट की कार्रवाई के बाद बच्ची को उन्हें सौंप दिया गया है। नेपाल की बच्ची पांच साल की उम्र में अपने माता-पिता से बिछड़ गई थी। चार साल पहले बाल कल्याण समिति ने एक चार साल की बच्ची को बरामद किया था। जिसे अल्मोड़ा स्थित किशोरी सदन में रखा गया था। जिला प्रोबेशन अधिकारी राजीव नयन तिवारी ने बताया कि यह बच्ची वर्ष 2018 से अल्मोड़ा के किशोरी सदन में रह रही है। कुछ दिनों पूर्व एक दंपति ने यहां आकर बच्ची के माता पिता होने का दावा किया। लेकिन बच्ची उन्हें नहीं पहचान पाई। जिस कारण बच्ची को उनके सुपुर्द नहीं किया गया। जिला बाल संरक्षण इकाई में कार्यरत विधि सह परिवीक्षा अधिकारी अधिवक्ता अभिलाषा तिवारी ने बताया कि उनके द्वारा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को बालिका के माता पिता की पहचान कराने के लिए उनका डीएनए टेस्ट कराने का अनुरोध पत्र दिया था। जिसके बाद राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण नैनीताल के सदस्य सचिव  आरके खुल्वै और अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मलिक मजहर सुल्तान के निर्देश पर प्राधिकरण के सचिव रवि शंकर मिश्रा ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी अल्मोड़ा को तीनों का डीएनए टेस्ट कराने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि पुष्टि के बाद गुरुवार को जनपद न्यायधीश मलिक मजहर सुल्तान, सचिव रविशंकर मिश्रा, प्रोबेशन अधिकारी राजीव नयन तिवारी, अधिवक्ता अभिलाषा तिवारी, अधीक्षिका किशोरी सदन मंजू उपाध्याय, बाल कल्याण समिति के रघु तिवारी, मीता उपाध्याय, त्रिलोक लटवाल, नेपाल के सामाजिक कार्यकर्ता सलमान की मौजूदगी में बच्ची को उसके माता पिता के सुपुर्द कर दिया

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