नैनीताल । नैनीताल से भाजपा प्रत्याशी सरिता आर्य के जाति प्रमाण पत्र को उप जिलाधिकारी नैनीताल द्वारा वैध ठहराने के बाद इस विवाद का पटाक्षेप हो गया है ।
संयुक्त मजिस्ट्रेट की जांच के बाद तहसीलदार नैनीताल ने बताया कि सरिता आर्य के जाति प्रमाण पत्र को बागजाला गौलापार निवासी हरीश चंद्र ने चुनौती दी थी । जिसमें सरिता आर्य के हाईस्कूल के प्रमाण पत्र में सरिता आनन्द होने का उल्लेख है । इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की व्यवस्था का उल्लेख करते हुए बताया गया है कि यदि सवर्ण बच्चे का पालन पोषण अनुसूचित जाति के परिवेश में होता है तो उसे उसी जाति का माना जायेगा । सरिता आर्य का बचपन व सम्पूर्ण जीवन अनुसूचित जाति के परिवेश में रहा है । उनकी मां अनुसूचित जाति की हैं और उनकी शादी भी अनुसूचित जाति के व्यक्ति से हुई । इसलिये उनका अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र वैध है । इस पर सरिता आर्य ने इसे न्याय की जीत बताया तथा जांच अधिकारियों, हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट के साथ ही न्याय के देवता गोल्ज्यू व मां नयना के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की है ।