नैनीताल । कुमाऊँ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ नैनीताल (कूटा) ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिहं धामी से नैनीताल क्लब में मिलकर विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों की विभिन्न समस्याओं के निराकरण हेतु ज्ञापन दिया । कूटा ने मुख्यमंत्री को बताया कि विश्वविद्यालय तथा महाविद्यालयों में संविदा तथा अतिथि व्याख्याता वर्षों से कार्यरत हैं । इनमें से कई संविदा प्राध्यापक विगत 5 से 15 वर्षों से कार्यरत है । उन्होंने इन सभी संविदा/अतिथि प्राध्यापकों को नियमित अथवा तदर्थ नियुक्ति प्रदान करने की मांग की। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के नियम से संविदा प्राध्यापकों का वेतन न्यूनतम 50,000/ प्रतिमाह किया जाय । कूटा ने कुमाऊं तथा गढ़वाल में दो बड़ी प्रयोगशाला तथा हार्टिकल्चर सेंटर बनाने का आग्रह किया। व्याख्याताओं का वेतन 57700/ प्रतिमाह करने सम्बन्धी केबिनैट निर्णय करवाने की मांग की।
कूटा ने निवेदन किया कि उत्तराखंड का 65प्रतिशत भाग वनों से आच्छादित ही बावजूद इसके विश्व विद्यालयों को छोड़कर राजकीय महाविद्यालयों में वन एवम पर्यावरण विषय नही पढ़ाया जाता है । कूटा ने कहा कि राजकीय महाविद्यालयों एवं इंटर कॉलेज में वन एवम पर्यावरण विषय को पढ़ाने के लिए विषय खोले जाए।राजकीय महाविद्यालयों की भांति कुमाऊँ विश्वविद्यालय,नैनीताल के शोधार्थियोें तथा विद्यार्थियों को लैपटाप/टैबलेट प्रदान करने के लिए भी कूटा ने मांग की। कुमाऊँ विश्वविद्यालय का एक परिसर हल्द्वानी/खटीमा/रूद्रपुर में किसी एक स्थान पर स्थापित करने तथा भीमताल परिसर को पूर्ण परिसर का दर्जा प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री से निवेदन किया । इस शिष्टमंडल में कूटा के अध्यक्ष प्रो0ललित तिवारी, डाॅ0विजय कुमार , डॉ.प्रदीप कुमार तथा डॉ नंदन मेहरा शामिल थे।