शांतिनिकेतन ट्रस्ट फॉर हिमालया, उत्तराखण्ड के सदस्यों द्वारा रामगढ़ के स्थानीय निवासियों के साथ रामगढ़ स्थित उद्यान विभाग की भूमि का स्थलीय निरीक्षण किया। साथ ही प्रति वर्ष 7 मई को आयोजित होने वाले रबीन्द्रनाथ टैगोर के जन्मोत्सव के सन्दर्भ में भी विचार-विमर्श किया गया।

उल्लेखनीय है कि रामगढ़ (उत्तराखण्ड), भारत के राष्ट्रीय गान के रचयिता तथा देश के प्रथम नोबल पुरस्कार से सम्मानित गुरूवर रवीन्द्र नाथ टैगोर की कर्मभूमि रही है। वर्ष 1901 से 1904 के मध्य उनके द्वारा रचित ‘गीतांजली’ का लेखन भी रामगढ़ में ही हुआ था और यही उन्होने टैगोर टॉप पर एक भवन (गीतांजली) का निर्माण भी कराया था।

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यह भी सूच्य है कि वर्ष 2017 में स्थापित ‘शान्ति निकेतन ट्रस्ट फॉर हिमालया’ द्वारा गुरूवर के दर्शन एवं विचारों को जन-जन तक पहॅुंचाने हेतु विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी दिनांक 7 मई 2022 को रबीन्द्र जन्मोत्सव का आयोजन रामगढ़ में किया जा रहा है।

इस संबंध में यह तथ्य महत्वपूर्ण है कि पूर्व केन्द्रीय शिक्षा मंत्री डॉ0 रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ तथा केन्द्रीय रक्षा राज्य मंत्री  अजय भट्ट  के प्रयासों से  मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी द्वारा क्षेत्र के सर्वांगीण विकास को देखते हुए निर्णय लिया गया कि गुरुदेव रवीन्द्र नाथ टैगोर द्वारा पश्चिम बंगाल में स्थापित विस्वाभारती केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रथम परिसर की रामगढ़ में स्थापना की जायेगी साथ ही इस हेतु उत्तराखंड शासन द्वारा विस्वाभारती केंद्रीय विश्वविद्यालय को भूमि प्रदान करने का शासनादेश ही किया जा चुका है । स्थलीय निरीक्षण में राजस्व निरीक्षक के साथ प्रो० अतुल जोशी,  देवेन्द्र ढेला, डॉ सुरेश डालाकोटी,  नवीन वर्मा,  के के पांडे,  हेमंत डालाकोटी, डॉ मनोज पांडे,  देवेंद्र बिष्ट, डॉ जीवन उपाध्याय,  महेश जोशी एवं ग्राम प्रधान  रेखा जोशी आदि उपस्थित रहे।

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