नैनीताल।  नीति आयोग की टीम के साथ मिलकर जिला प्रशासन ने  नैनीताल में स्वास्थ्य समस्याओं पर एक महीने तक हेल्थ सर्वे किया गया। यह सर्वे नैनीताल की भौगोलिक संरचना पर आधारित था, जिससे अन्य पहाड़ी क्षेत्रों में भी स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।
 नीति आयोग देशभर में यूएसएड के तहत नेशनल हेल्थ गवर्ननेंस के लिए कार्य कर रहा है। देशभर में 8 शहरों को हेल्थ सर्वे के लिए चुना गया है, जिनमें जबलपुर, लुधियाना, जोधपुर, वारंगल, मंगलौर, शिलांग, रांची, नैनीताल शामिल है।
         बुधवार को कलक्ट्रेट में पत्रकारों से वार्ता में संयुक्त मजिस्ट्रेट प्रतीक जैन ने बताया कि पहाड़ी क्षेत्रों में नैनीताल इस सर्वे में शामिल एकमात्र शहर है। पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले मरीजों को किस तरह से स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिल सके, इस पर रिसर्च की जा रही है।
इस रिसर्च में कुछ पहलू चिंताजनक है, जिसमें यह पाया गया है कि प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण नैनीताल में सबसे ज्यादा किडनी, स्टोन के मरीज हैं। इसी के साथ लाइफ चेंज डिसीज के मरीज मिल रहे हैं। जिनमें टीबी, कैंसर, मधुमेह और हार्ट अटैक जैसी बीमारियां प्रमुखता से देखी गयी हैं। साथ ही नशे के बढ़ते दुष्प्रभाव भी देखने को मिल रहे  नैनीताल में केस स्टडी पूरा हो चुका है। इसके बाद रांची में आयोग की टीम हेल्थ सर्वे करेगी।
 नीति आयोग ने नैनीताल के होटल कारोबारी, कुमाऊं यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर, पुलिस, नगर पालिका और स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ मिलकर नैनीताल की स्वास्थ्य समस्याओं पर विस्तृत चर्चा की। यह बैठक गोपनीय रूप से की गयी। आयोग के सलाहकार कुंदन कुमार के नेतृत्व में संबंधित बैठक का आयोजन हुआ। इस दौरान आये सुझाव को नोट कर उसे रिपोर्ट में शामिल किया गया।
 आयोग ने नैनीताल में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए नैनीताल में दो पीएचसी सेंटर बनाए जाने की संस्तुति की है, जिसके लिए जगह चिन्हित की जाएगी। अभी बीडी पांडे अस्पताल और रैमजे अस्पताल में ही मरीजों का उपचार किया जाता है। लेकिन रैमजे मार्ग पर यातायात ज्यादा होने के कारण लोग अधिकतर बीडी पांडे अस्पताल में उपचार के लिए पहुंचते हैं। एसडीएम प्रदीप जैन ने बताया कि सीजन के दौरान ट्रैफिक अधिक होने के कारण आयारपाटा और तल्लीताल क्षेत्र और सात नंबर क्षेत्र में रहने वाले लोगों को अस्पताल पहुंचने में देरी होती है वहीं ट्रैफिक ज्यादा होने के कारण भी इमरजेंसी केस में मरीज को अस्पताल पहुंचाने में देर हो जाती है। इसलिए वैकल्पिक व्यवस्थाएं बनाए रखने के नेशनल अर्बन हेल्थ मिशन के अंतर्गत  दो पीएचसी सेंटर बनाने की योजना है। जहां गर्भवतियों के डिलीवरी की व्यवस्था भी होगी ।

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