नैनीताल । उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने आयुर्वेदिक विश्व विद्यालय के निलम्बित कुलसचिव डॉ0 मृत्युंजय मिश्रा द्वारा निलंबन आदेश को चुनौती देती याचिका को खारिज करते हुए उन पर 20 हजार का जुर्माना लगाया है । जुर्माने की यह राशि दो हफ्ते के भीतर राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यालय में जमा करनी होगी । मामले के सुनवाई मुख्य न्यायधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आर सी खुल्बे की खंडपीठ में हुई ।
याचिकाकर्ता डॉ0 मृत्युंजय मिश्रा ने शासन द्वारा उन्हें 24 जनवरी 2022 को निलंबित कर सचिव आयुष कार्यालय में अटैच करने के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी है । डॉ0 मिश्रा पर आयुर्वेदिक विश्व विद्यालय हर्रावाला देहरादून का कुलसचिव रहने के दौरान भारी वित्तीय अनियमितताएं करने का आरोप है । उनके खिलाफ विजिलेंस जांच चल रही है । इससे पूर्व 2018 से 2021 तक वे अनियमितताओं के आरोप में गिरफ्तार हुए थे और जेल में रहे । जिन्हें सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली थी । वर्तमान में उनके खिलाफ विजिलेंस की जांच जारी है । जिसे उन्होंने कोर्ट में चुनौती दी थी । हाईकोर्ट ने उनकी याचिका जुर्माने के साथ खारिज कर दी और उनके वेतन, भत्ते के बारे में आयुर्वेदिक विश्व विद्यालय से चार हफ्ते के भीतर जबाव देने को कहा है । मामले की अगली सुनवाई 27 फरवरी को होगी ।