नैनीताल । देश की न्यायपालिका में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्य बार काउंसिलों को 31 जनवरी, 2026 तक चुनाव कराने का कड़ा निर्देश दिया है।
अदालत ने इस बात पर गहरी चिंता व्यक्त की कि कई दशकों से इन महत्वपूर्ण निकायों के चुनाव नहीं हुए हैं।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने कहा, “यह देखते हुए कि कई दशकों से राज्य बार काउंसिलों के चुनाव नहीं हुए हैं, हमने बार काउंसिल ऑफ इंडिया के वरिष्ठ वकील से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि सभी राज्य बार काउंसिलों के चुनाव 31 जनवरी, 2026 तक एक साथ या चरणबद्ध तरीके से करा लिए जाएं।”
अदालत ने यह भी साफ किया कि वकीलों के एलएलबी प्रमाणपत्रों के सत्यापन की प्रक्रिया चुनावों को अनिश्चितकाल तक टालने का बहाना नहीं बन सकती। सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि सत्यापन प्रक्रिया से फर्जी मतदाताओं का पता चला है, जिस पर पीठ ने कड़ी आपत्ति जताई। न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा, “सत्यापन हो या न हो, 31 जनवरी तक सभी राज्यों के चुनाव कराएं… अन्यथा हम चुनाव कराने के लिए एक कोर्ट कमीशन नियुक्त करेंगे और जो इसमें भाग नहीं लेंगे, उन्हें सदस्यता से हटा दिया जाएगा। हमारा आदेश बहुत स्पष्ट है, हमारी मंशा बहुत स्पष्ट है।”
अदालत बार काउंसिल ऑफ इंडिया सर्टिफिकेट एंड प्लेस ऑफ प्रैक्टिस (वेरिफिकेशन) रूल्स, 2015 के नियम 32 को चुनौती देने वाली एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी। यह नियम बीसीआई को एडवोकेट्स एक्ट 1961 के तहत निर्धारित वैधानिक सीमा से परे राज्य बार काउंसिल सदस्यों का कार्यकाल बढ़ाने का अधिकार देता है।
याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता माधवी दीवान ने अदालत को बताया कि 23 में से केवल 14 राज्य बार काउंसिलों ने ही अदालत में उपस्थिति दर्ज कराई है और अधिकांश में दो साल से अधिक समय से चुनाव नहीं हुए हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रमाण पत्र सत्यापन के बहाने चुनावों को अनिश्चितकाल के लिए टाला नहीं जा सकता।
बीसीआई की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता एस. गुरु कृष्णकुमार ने कहा कि सत्यापन का 50% काम पूरा हो चुका है और बीसीआई ने सभी राज्य बार काउंसिलों को जल्द से जल्द चुनाव कराने के लिए तैयारी शुरू करने को कहा है।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने बीसीआई द्वारा सत्यापन में लगने वाले समय की तुलना भारतीय चुनाव आयोग की दक्षता से की। उन्होंने कहा कि अगर बार काउंसिलें सद्भावनापूर्ण प्रयास करती हैं तो अदालत पूरी सहायता प्रदान करेगी। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि चुनाव प्रक्रिया दक्षिणी राज्यों से शुरू की जा सकती है।
इसके अलावा, अदालत ने बीसीआई को स्वयं चुनाव कराने के लिए एक आयोग नियुक्त करने का आवेदन देने का सुझाव दिया। न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा, “हम पूर्व न्यायाधीशों, कुछ वरिष्ठ अधिवक्ताओं की एक समिति बना सकते हैं और उनसे सभी राज्यों के चुनावों को बहुत ही निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से आयोजित करने या निगरानी करने का अनुरोध कर सकते हैं।”
यह फैसला बार काउंसिलों में पारदर्शिता और लोकतंत्र बहाल करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है, जिससे वकीलों के प्रतिनिधित्व और उनके हितों की रक्षा सुनिश्चित हो सकेगी।

By admin

"खबरें पल-पल की" देश-विदेश की खबरों को और विशेषकर नैनीताल की खबरों को आप सबके सामने लाने का एक डिजिटल माध्यम है| इसकी मदद से हम आपको नैनीताल शहर में,उत्तराखंड में, भारत देश में होने वाली गतिविधियों को आप तक सबसे पहले लाने का प्रयास करते हैं|हमारे माध्यम से लगातार आपको आपके शहर की खबरों को डिजिटल माध्यम से आप तक पहुंचाया जाता है|

You cannot copy content of this page