नैनीताल । एक नाबालिग के साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या करने के जुर्म में निचली अदालत से फांसी की सजा पाए आरोपी की अपील की कल (आज) सोमवार को होने वाली सुनवाई के दौरान फांसी की सजा पाए अभियुक्त व राजकीय सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी के हड्डी रोग विशेषज्ञ को हाईकोर्ट में पेश होना है । फांसी की सजा पाए आरोपी का कहना है कि सड़क दुर्घटना में उसका बायां कंधा व हाथ काम नहीं करता है ऐसे हालत में न तो वह दुष्कर्म कर सकता है और न ही हत्या के बाद किसी लड़की के शव को पेड़ में टांग सकता है । जिस पर हाईकोर्ट के निर्देश पर दून मेडिकल कॉलेज ने आरोपी का मेडिकल परीक्षण किया है और उसकी एक्स-रे रिपोर्ट के तथ्यों की जानकारी सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी के हड्डी रोग विशेषज्ञ हाईकोर्ट को देंगे । उल्लेखनीय है कि उत्तराखण्ड हाइकोर्ट नाबालिक के साथ दुष्कर्म व हत्या करने के जुर्म में देहरादून की पॉक्सो कोर्ट से फांसी की सजा पाए मो0 अजहर की अपील की सुनवाई कर रही है। हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई में सीएमओ देहरादून को निर्देश दिए थे कि अभियुक्त की मेडिकल जाँच हेतु एक मेडिकल बोर्ड का गठन कर रिपोर्ट कोर्ट में पेश करें । जिसके बाद दून अस्पताल एवं मेडिकल कॉलेज ने आरोपी का मेडिकल कर अपनी रिपोर्ट कोर्ट में दे दी है । जिसमें आरोपी के तथ्यों की पुष्टि हुई है । जिसके बाद हाईकोर्ट ने दोबारा आरोपी का सम्पूर्ण एक्स रे कराकर उसकी रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में मांगी है और यह रिपोर्ट भी कोर्ट में पेश हो चुकी है । इस एक्स रे रिपोर्ट के तथ्यों से सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी के हड्डी रोग विशेषज्ञ हाईकोर्ट को बताएंगे ।आरोपी के अधिवक्ता द्वारा कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर कहा है कि आरोपी का निचली अदालत में मेडिकल जाँच नही हुई थी जबकि उसका कॉलर बोन पहले से ही टूटा हुआ था वह कैसे रेप व हत्या कर सकता है। उसका मेडिकल जाँच कराई जाए और रिकार्ड तलब किया जाय। मामले की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति एनएस धनिक खण्डपीठ में हो रही है। मामले के अनुसार देहरादून के त्यूणी में 2 फरवरी 2016 को एक युवती की हत्या हो गई थी । जो नेपाली मूल की थी । जांच में पुलिस को बताया कि यह छात्रा 1 जनवरी 2016 को पेसे से वाहन चालक मोहम्मद अजहर निवासी अम्बाडी डाकपत्थर जिला देहरादून को मोटर साइकिल में देखा गया। पुलिस द्वारा जब उसके घर मे छापा मारा तो वह फरार था। गहन खोजबीन करने पर पुलिस ने उसे हिमांचल के सिरमौर से 5 जनवरी 2016 को गिरफ्तार किया। अभियुक्त ने पुलिस के सामने यह बयान दिया कि उसने पहले नाबालिक के साथ दुष्कर्म किया बाद में उसके शव को पेड़ में लटका दिया। अभियुक्त को देहरादून पॉक्सो कोर्ट की विशेष न्यायधीश ने 12 दिसम्बर 2018 को फांसी की सजा सुनवाई साथ मे 70 हजार का अर्थदण्ड से भी दण्डित किया।