क्यों महत्वपूर्ण है किसानों के लिए यह पर्व? कैसे करें प्रत्येक राशि के जातक शिव पूजा आइए जानते हैं।*

आषाढ़ मास की अमावस्या को हल हारिणी अमावस्या कहते हैं।इस बार सन् 2024 में
दिनांक 5 जुलाई 2024दिन शुक्रवार को हल हारिणी अमावस्या मनाई जाएगी। हमारा देश भारत वर्ष कृषि प्रथान देश है। हिंदू धर्म में आषढ़
मास में आने वाली इस अमावस्या का बहुत
महत्व है। किसानों के लिए यह दिन शुभ दिन है
क्योंकि आषाढ मास में इस अमावस्या के समय तक वर्षा ऋतु का आरंभ हो जाता है।और धरती भी नम पड़ जाती है। फसल की बुवाई के लिए यह समय उत्तम होता है। इसे आषाढ़ अमावस्या भी कहा जाता है।हल
हारिणी अमावस्या के दिन हल का पूजन किया
जाता है। परन्तु अब आधुनिक युग में बुवाई करने के अन्य साधनों का प्रयोग होता है।हल के स्थान पर अन्य उपकरणों का प्रयोग होता है। अतः किसान भाइयों को यदि संभव नहीं हो तो इन उपकरणों की पूजा इस पर्व को करनी चाहिए।रोजमर्रा के जीवन में उपयोग में आने वाली वस्तुओं का भी उचित सम्मान करना चाहिए। इस दिन किसान विधि विधान से हल का पूजन करके हरी-भरी फसल बनी रहने के लिए प्रार्थना करते हैं। ताकि घर में अन्न और धन की कमी कभी भी महसूस ना हो । इस दिन पितृदोष निवारण के लिए निम्न उपाय करने से जीवन के समस्त कष्ट दूर होते हैं।-
१-अमावस्या के दिन भूखे प्राणी को भोजन कराने का विशेष महत्व है।
२-आषाढ़ अमावस्या के दिन यदि काले कुत्ते
को तेल चुपड़ी हुई रोटी खिला दे। यदि कुत्ता
उस रोटी को तुरंत खा ले तो समझें कि आपके
दुश्मन उसी समय से शांत होना शुरू हो जाएंगे।
३-आषाढ़ अमावस्या के दिन शिवपूर्जन पित्र
पूजन और शनिदेव का उपाय करने से भी
सभी कष्ट समाप्त हो जाते हैं।
४-इस दिन काली चीटियों को शक्कर मिला हुआ आटा खिलाएं ऐसा करने से आपके पाप कमों का क्षय होगा और पुण्य कर्म उदय होंगे।
५-आषाढ़ अमावस्या के दिन प्रातः स्नानादे करने के बाद आटे की गोलियां बनाएं। गोलियां बनाते समय भगवान का स्मरण करते रहें।इसके बाद समीप के किसी तालाब या नदी में जाकर यह आटे की गोलियां मछलियों को खिला दें इस उपाय से आपके जीवन की अनेक परेशानियों का अंत हो सकता है।
६-इस दिन कालसर्प दोष निवारण हेतु प्रातः स्नान के बाद चांदी से निर्मित नाग नागिन की पूजा करें। सफेद पुष्प के साथ इसे बहते हुए पानी में विसर्जित कर दें।
৩-आषाढ़ अमावस्या के दिन शाम के समय
घर के ईशान कोण में गाय के घी का दीपक
जलाएं बत्ती में रुई की जगह लाल धागे का
उपयोग करें साथ ही दिए में थोड़ी सी केसर भी
डाल दें। यह मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने का
उपाय है।
८-आषाढ़ अमावस्या की रात्रि को पांच लाल
फूल और पांच जलते हुए दिए बहती नदी के
पानी में छोड़ दे इस उपाय से धन का लाभ होगा धन लाभ होने के प्रबल योग बनेंगे।
९-आषाढ़ अमावस्या के दिन किसान हल का
पूजन विधि विधान से करें यह सुखदाई होता
है।
अब प्रिय पाठकों को बताना चाहूंगा कि कौन
सी राशि वाले किस प्रकार करें पूजन?
मेष- राशि वाले शिव जी को गुड़ चढ़ाए।
वृषभ -राशि वाले दही से शिवजी का अभिषेक
करें।
मिथुन- राशि वाले गन्ने के रस से शिवजी का
अभिषेक करें।
कर्क -राशि के जातक कच्चे दूध और पानी से
शिवजी का अभिषेक करें।
सिंह- राशि वाले भक्त भगवान भोलेनाथ को
खीर का भोग लगाएं।
कन्या -राशि वाले भगवान शंकर को बिल्वपत्र
चढ़ाएं।
तुला- राशि के जातक कच्चे दूध से शिवजी का
अशिषेक करें।
वृश्रिक -राशि के जातक शिव जी को गुलाब के
फूल चढ़ाएं।
धनु- राशि के जातक पंचामृत से शिवजी का
अभिषेक करें।
मकर -राशि के लोग शिव जी को नारियल का
जल चढ़ाएं।
कुंभ- राशि के जातक शिवजी को सरसों के तेल
से अभिषेक करें तथा अंत में मीन राशि के
जातक केैसर युक्त दूध से शिवजी का अभिषेक
करें।
*लेखक-: आचार्य पंडित प्रकाश जोशी गेठिया, नैनीताल।*

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