नैनीताल । उत्तराखंड हाई कोर्ट ने देहरादून व टिहरी गढ़वाल के इंटर कॉलेजों के प्रवक्ताओं के वेतन से रिकवरी किए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई के बाद रिकबरी आदेश पर रोक लगा दी है । मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की एकलपीठ में हुई ।
मामले के अनुसार प्रवक्ता सुशील चन्द्र तिवारी, रमेश पैन्यूली व विनोद प्रसाद पैन्यूली व 120 अन्य ने याचिकाएं दायर कर कहा है कि वे 2006 में प्रवक्ता पद पर नियुक्त हुए थे। उनकी संतोषजनक सेवा के उपरांत सरकार ने सरकारी सेवक वेतन नियमावली 2016 के तहत उन्हें चयनमान वेतन दिया गया। नियमावली के नियम 13 में भी यह प्रावधान है कि जिस स्तर या लेबल से प्रवक्ताओं को चयन वेतनमान दिया जा रहा है उसमें एक वेतन वृद्धि के साथ लेबल आठ से दस में रखा जाएगा। याचिकाओं में कहा है कि सरकार के शासनादेश 6 सितम्बर2019 और 13 सितम्बर 2019 में एक वेतन वृद्धि दिए जाने का उल्लेख नहीं है। इन शासनादेशों के आधार पर विभाग ने उनको दी गयी चयनमान एक वेतन वृद्धि को वसूलने के आदेश जारी कर दिए गए । याचिका में यह भी कहा गया है कि सरकारी सेवक वेतन नियमावली को शासनादेशों के आधार पर अतिक्रमित नहीं किया जा सकता है।
इसके अलावा चयन वेतनमान देने के 6 साल बाद रिकबरी किया जाना सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन है । इसलिए इस पर रोक लगाई जाए। याचिकाकर्ताओं की ओर से हाईकोर्ट में अधिवक्ता ललित सामन्त ने पैरवी की ।