नैनीताल । उत्तराखंड विश्वविद्यालय कर्मचारी महासंघ ने उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कर्मचारियों को विगत अक्टूबर 2024 से मासिक वेतन जारी न होने के विरोध में 29 जनवरी को एक दिन द्विवसीय विरोध प्रदर्शन का निर्णय लिया है ।
उत्तराखंड विश्वविद्यालय कर्मचारी महासंघ की ऑनलाइन माध्यम से संपन्न हुई प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी देते हुए महासंघ के अध्यक्ष भूपाल सिंह करायत और महामंत्री प्रशांत मेहता ने बताया कि उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के प्रशासन के कतिपय नियमविरुद्ध प्रकरणों के लंबित होने के चलते उत्तराखंड शासन द्वारा विश्वविद्यालय को वेतन मद में दिया जा रहा अनुदान रोक दिया गया है। लगभग एक वर्ष से तीन से चार माह रोककर वेतन जारी किया जा रहा है वहीं विगत अक्टूबर 2024 से कर्मचारियों को वेतन जारी नहीं किया गया है जिसके चलते कर्मचारियों के दिवाली सहित बड़े पर्व भी फीके रहे। बताया कि विश्वविद्यालय में 100 से अधिक कर्मचारी विश्वविद्यालय प्रशासन की गलतियों और शासन के रोष के बीच पिस रहे हैं । उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन से शासन के निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने की मांग करते हुए उत्तराखंड शासन से पूर्ण मनोयोग से सेवा कर रहे कर्मचारियों का वेतन जारी करने की मांग की। पदाधिकारियों ने बताया कि इस हेतु कई बार विश्वविद्यालय प्रशासन के साथ शासन से वार्ता की जा चुकी है । परंतु वेतन जारी हो नहीं हो पाया है । बताया कि इस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से वार्ता हेतु समय मांगा जा रहा है।
संगठन के प्रयासों के बावजूद कर्मचारियों के सम्मुख अपना परिवार चलाने की समस्या हो गई है । समस्या के दृष्टिगत महासंघ अध्यक्ष भूपाल सिंह करायत के नेतृत्व में प्रदेश के समस्त विश्वविद्यालयों में कार्यरत कर्मचारियों ने एक दिन के विरोध प्रदर्शन का निर्णय लिया है। इसके तहत दिनांक 29 जनवरी को प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के कर्मचारी काला फीता बांधकर अपना-अपना कार्य करते हुए विरोध करेंगे, साथ ही विश्वविद्यालय के कर्मचारी संघों के पदाधिकारी अपने-अपने विश्वविद्यालय के कुलसचिव को मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपेंगे। उन्होंने बताया कि कोई भी निर्णय न होने पर आंदोलन के अगले चरण पर निर्णय लिया जाएगा।
कार्यकारिणी की बैठक का संचालन महामंत्री प्रशांत मेहता ने किया । बैठक में कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल से डीएसबी परिसर कर्मचारी संघ के गणेश बिष्ट, प्रदेश संगठन के पूर्व महामंत्री डॉ लक्ष्मण सिंह रौतेला, उपाध्यक्ष विपिन कुमार, गढ़वाल विश्वविद्यालय से अखिल भारतीय विश्वविद्यालय कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजेंद्र भंडारी, मुक्त विश्वविद्यालय हल्द्वानी से महासंघ के कार्यकारी अध्यक्ष भारत नैनवाल, संयुक्त मंत्री विमल चौहान, तकनीकी विश्वविद्यालय से संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष दीपक कुमार, एस एस जे अल्मोड़ा विश्वविद्यालय से महासंघ के कोषाध्यक्ष देवेंद्र पोखरिया, संस्कृत विश्वविद्यालय कर्मचारी संघ के सचिव चंदन रावत, दून विश्वविद्यालय से शुभम नौटियाल, आयुर्वेद विश्वविद्यालय से कर्मचारी संघ के कार्यकारी अध्यक्ष खीमानंद भट्ट, सचिव अजय कुमार, भरसार हॉर्टिकल्चर विश्वविद्यालय से संगठन के उपाध्यक्ष धन सिंह नेगी सहित कार्यकारिणी के सभी सदस्य शामिल हुए। इधर सभी विश्वविद्यालयों के कर्मचारी संघों के पदाधिकारियों द्वारा अपने-अपने प्रशासन को विरोध प्रदर्शन की सूचना उपलब्ध करा दी गई है।