नैनीताल । नैनीताल के दुर्गापुर वीरभट्टी स्थित प्रतिष्ठित
पार्वती प्रेमा जगाती सरस्वती विहार वरिष्ठ माघ्यमिक विद्यालय में बलिदान दिवस मौके पर बच्चों ने सरदार भगत सिंह,राजगुरु व सुखदेव पर आधारित नाटकों की मनमोहक प्रस्तुति दी ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यालय के प्रधानाचार्य नरेन्द्र सिंह ने की
जबकि मुख्य वक्ता अंग्रेजी के प्रवक्ता निर्दोष कुमार शर्मा थे। इस अवसर
पर प्रधानाचार्य सिंह ने सबसे पहले शहीद भगत सिंह की प्रतिमा
के समक्ष फूल चढ़ाए व दीप प्रज्जवलन कर शहीद भगत सिंह,
सुखदेव एवं राजगुरू के बलिदान को याद किया। इसके बाद 12वीं के छात्र
गर्वित राठी तथा अन्य छात्र साथियों द्वारा भगत सिंह के बलिदान पर आधारित
एंकाकी नाट्क प्रस्तुत किया गया जिसकी सभी ने अत्यन्त सराहना की।
इस अवसर पर मुख्य वक्ता शर्मा ने शहीद भगत सिंह के बचपन से लेकर उनके
बलिदान तक की यात्रा पर प्रकाश डालते हुऐ कहा कि कहते है न कि पूत के
पॉव पालने में ही दिख जाते हैं, ऐसा ही था वीर क्रांतिकारी शहीद भगत सिंह
का बचपन। बालक भगत सिंह बचपन में ही बदूंक का पेड़ लगाते लगाते 20 वर्ष
की अवस्था में ऐसे महान क्रंातिकारी बनकर उभरे जिस पर वास्तव में भारत
माता गर्व करती है। इस अवसर पर प्रधानाचार्य नरेन्द्र सिंह ने कहा कि
शहीद सरदार भगत सिंह केवल क्रंातिकारी ही नहीं अपितु एक विचारक भी थे।
सरदार भगत सिंह, राजगुरू, ने नेशनल असेम्बली में बम विस्फोट कर एक ऐसी
क्रंाति को जन्म दिया जिसने ब्रिटिश हुकूुमत को भारत से समूल नष्ट करने
में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। वास्तव में हम सभी शहीद भगत सिंह,
सुखदेव और राजगुरू जैसे वीर सपूतों के ऋणी हैं । इस मौके पर आयुष कनवाल, आदर्श बर्धन,
अपूर्व माहेष्वरी, दीपांशु पाण्डे, अभिषेक कुमार, ध्रुव त्यागी, रूद्र
अग्रवाल, श्रेष्ठ गुप्ता, लक्ष्य नेगी तथा अभय चौधरी के साथ -साथ
विद्यालय के सभी छात्र और अघ्यापक उपस्थित थे। संचालन 12 वीं कक्षा के
छात्र गर्वित ने किया।