नैनीताल । उत्तराखण्ड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी को शुक्रवार को फुल कोर्ट रिफ्रेंस में  भावपूर्ण विदाई दी गई । वे 26 अक्टूबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं । अगले हफ्ते हाईकोर्ट में दशहरा अवकाश होने के कारण विदाई समारोह आज आयोजित हुआ ।

   विदाई समारोह को सम्बोधित करते हुए न्यायमूर्ति विपिन सांघी ने कहा कि उन्होंने 28 जून 2022 को उत्तराखण्ड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश का चार्ज लिया और करीब 16 माह की सेवा उत्तराखण्ड हाईकोर्ट व कुल 17 साल जज के रूप में सेवाएं दी । न्यायमूर्ति सांघी ने कहा कि “रूल ऑफ लॉ” की रक्षा करना न्यायपालिका व विधि व्यवसायियों की जिम्मेदारी है । उन्हें सन्तोष है कि उन्होंने इस जिम्मेदारी को निभाया । कहा कि उत्तराखण्ड में लंबित वादों की संख्या बढ़ रही है इसलिये कोशिश की जाय कि वादों का शीघ्र निस्तारण हों ।
   उन्होंने उत्तराखण्ड के प्राकृतिक संशाधनों की सुरक्षा, पर्यावरण संरक्षण, चार धामों की पवित्रता, देवभूमि की शुचिता, विकास योजनाओं में पारदर्शिता बनाये रखकर जिम्मेदारी  से पेश आना हर व्यक्ति की जिम्मेदारी बताया ताकि विधि का शासन बना रहे ।
   न्यायमूर्ति सांघी ने उत्तराखण्ड हाईकोर्ट में सेवाकाल के दौरान न्यायधीशों, हाईकोर्ट बार, रजिस्ट्री कार्यालय, शासन प्रशासन व उनके स्टॉफ द्वारा दिये गए सहयोग के प्रति आभार जताया ।
   इस मौके पर हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायधीश मनोज कुमार तिवारी ने मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी के जीवन वृत्त की जानकारी देते हुए कहा कि न्यायमूर्ति सांघी कुशल अधिवक्ता,कुशल जज , कुशल प्रशासक, विद्वान व दार्शनिक व्यक्ति हैं । उन्होंने मुख्य न्यायधीश द्वारा दिये गए महत्वपूर्ण फैसलों के भी उल्लेख किया । जिनमें जनहित याचिका देवेंद्र सिंह अधिकारी बनाम केंद्र सरकार जो कि कॉर्बेट पार्क में हुए अतिक्रमण से सम्बंधित है,में सी बी आई जांच का आदेश देना,जितेंद्र यादव बनाम यूनियन ऑफ इंडिया में उत्तराखण्ड में प्लास्टिक कूड़े के निस्तारण व सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने,कमलेश तिवारी बनाम उत्तराखण्ड राज्य में युवा अधिवक्ताओं के लिये फंड की व्यवस्था करने, सचिदानन्द डबराल बनाम उत्तराखण्ड राज्य में रैगिंग में सख्ती से पाबंदी लगाने व रैंगिग होने पर सम्बंधित संस्थान के मुखिया को जिम्मेदार मानने,रविशंकर जोशी बनाम राज्य सरकार में उत्तराखण्ड  में लोकायुक्त की नियुक्ति करने, अतिक्रमण के मामले में स्वतः संज्ञान लेकर सार्वजनिक भूमि से अतिक्रमण हटाने के आदेश मुख्य हैं ।
   विदाई समारोह में महाधिवक्ता एस एन बाबुलकर, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डी सी एस रावत ने भी मुख्य न्यायधीश का जीवन वृत्त पढ़ा साथ ही उनके व उनके परिवार के उज्ज्वल भविष्य की कामना की ।
    इस अवसर पर न्यायमूर्ति शरद शर्मा, न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी,न्यायमूर्ति आलोक वर्मा,न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल,न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित,न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा, शासकीय अधिवक्ता गजेंद्र सिंह संधू, मुख्य स्थायी अधिवक्ता चन्द्रशेखर रावत,वरिष्ठ अधिवक्ता अवतार सिंह रावत, बार कौंसिल के अध्यक्ष डॉ. महेंद्र सिंह पाल, एम सी कांडपाल,लोकेंद्र डोभाल, सौरभ अधिकारी, टी ए खान, पुलिस उप महानिरीक्षक, एस एस पी नैनीताल सहित बड़ी संख्या में अधिवक्ता, हाईकोर्ट स्टाफ मौजूद था । संचालन रजिस्ट्रार जनरल अनुज संगल ने किया ।

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