सीमा गुसाईं लोकगीत व लोकगायन के क्षेत्र में तेजी से उभर रही हैं । लोकगाथा ” रामी बौराणी” गायन में उन्हें काफी प्रसिद्धि मिली है और अब तक वे कई मंचों में रामी बौराणी नृत्य नाटिका में गायन कर चुकी हैं ।

सीमा गुसाई रुद्रप्रयाग जिले के छिनका गांव पोस्ट घोलतीर की रहने वाली साधारण एवं गरीब परिवार की महिला है । करीब 50 वर्षीय सीमा गुसाईं पांचवीं तक पढ़ी हैं । अपने घर परिवार के कामकाज के साथ साथ वे लंबे समय से उत्तराखंड की लोक संस्कृति की बढ़ावा दे रही हैं।दस साल पहले तक सीमा गुसाई  उत्तराखंड में छोटे छोटे  कार्यक्रमों के अलावा रामलीला अभिनय व देवी देवताओं के जागर गाया करती थी। 2015 से वे अपने अलग अलग अंदाज व अलग अलग तरीके से मां नंदा देवी जागर ,व अन्य देवी देवताओं के जागर रामी बौराणी नृत्य नाटिका में अभिनय व गायन करने लगी ।
2018 में सीमा गुसाई  के जागर रामी बौराणी लोक कथा को  सांस्कृतिक मंचों में रिकार्डिंग हुई तो वे काफी लोकप्रिय होने लगी ।
समाजिक कार्यकर्ता  प्रताप सिंह नेगी ने उनके अभिनय व गायन की सराहना करते हुए कहा कि सीमा गुसाई लोकगाथा गायन में तेजी से उभरती हुई लोककलाकार हैं । उन्होंने सरकार व संस्कृति विभाग से उत्तराखंड की संस्कृति को समर्पित सीमा गुसाईं की लोककला को आगे बढ़ाने के लिये बड़े मंचों में मौका देने व उनकी मदद करने की मांग की है ।

By admin

"खबरें पल-पल की" देश-विदेश की खबरों को और विशेषकर नैनीताल की खबरों को आप सबके सामने लाने का एक डिजिटल माध्यम है| इसकी मदद से हम आपको नैनीताल शहर में,उत्तराखंड में, भारत देश में होने वाली गतिविधियों को आप तक सबसे पहले लाने का प्रयास करते हैं|हमारे माध्यम से लगातार आपको आपके शहर की खबरों को डिजिटल माध्यम से आप तक पहुंचाया जाता है|

You missed

You cannot copy content of this page