नैनीताल । उत्तराखंड में सरकारी कर्मचारियों के लिए सरकार द्वारा सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों में मुफ्त उपचार की सुविधा हेतु प्रत्येक माह वेतन से नियत अंशदान लेकर गोल्डन कार्ड की सुविधा उपलब्ध कराई गई थी और कर्मचारी के वेतन से प्रत्येक माह लगातार कटौती तो की जा रही है । परन्तु जब कर्मचारी अस्पतालों में उक्त सुविधा के लिए आवेदन कर रहे हैं तो अपने को ठगा सा महसूस पा रहे हैं। पूरे प्रकरण को देखते हुए इसमें शासन एवं पूरे तंत्र की घोर लापरवाही सामने आ रही है । क्योंकि जब अस्पतालों में मरीज उक्त सुविधा हेतु आवेदन कर रहे हैं तो पता चला कि शासन स्तर से एस जी एच एस की साईट को खोला ही नहीं गया है। तंत्र की इस घोर लापरवाही की वजह से मरीज दर दर भटकने को मजबूर हैं।

ALSO READ:  दुर्घटना--: नैनीताल हल्द्वानी मार्ग में नैना गांव के समीप कार खाई में गिरने से एक व्यक्ति की मौत 3 घायल ।

उत्तराखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संगठन ओखलकांडा के ब्लॉक अध्यक्ष गोपाल सिंह बिष्ट ने कहा है कि गोल्डन कार्ड से सम्बंधित मामले के लिए जल्द ही आन्दोलन की रणनीति बनाई जायेगी और जरुरत पडऩे पर न्यायालय में भी जनहित याचिका दायर की जायेगी।

दूसरी ओर मनोज तिवारी प्रांतीय तदर्थ समिति राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ ने कहा है कि निश्चित रूप से गोल्डन कार्ड कर्मचारी एवं शिक्षकों के लिए महज एक छलावे से अधिक कुछ साबित नहीं हो रहा है ।दुर्घटना आदि आकस्मिक स्थितियों में जहां मरीज के परिजन पहले ही मानसिक रूप से तनावग्रस्त होते हैं ऐसे में संबंधित अस्पताल प्रबंधन द्वारा गोल्डन कार्ड को निकाल दिए जाने से परिजनों की मानसिक स्थिति का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है । शीघ्र ही मुख्यमंत्री एवं सक्षम स्तर पर इसे दुरुस्त करने की पहल की जाएगी आवश्यकता पडऩे पर न्यायालय की शरण भी ली जाएगी।

By admin

"खबरें पल-पल की" देश-विदेश की खबरों को और विशेषकर नैनीताल की खबरों को आप सबके सामने लाने का एक डिजिटल माध्यम है| इसकी मदद से हम आपको नैनीताल शहर में,उत्तराखंड में, भारत देश में होने वाली गतिविधियों को आप तक सबसे पहले लाने का प्रयास करते हैं|हमारे माध्यम से लगातार आपको आपके शहर की खबरों को डिजिटल माध्यम से आप तक पहुंचाया जाता है|

You missed

You cannot copy content of this page