नैनीताल । उत्तराखण्ड हाई कोर्ट ने ऊधमसिंहनगर बाजपुर के पिपलिया में 26 अप्रैल की रात को हुए गोलीकांड में आरोपी अविनाश शर्मा की याचिका की सुनवाई करते हुए जांच अधिकारी से समस्त रिकॉर्ड के साथ 17 मई को कोर्ट में पेश होने को कहा है। मामले की सुनवाई न्यायमुर्ति आलोक कुमार वर्मा की एकलपीठ में हुई । कोर्ट ने जांच अधिकारी से यह भी पूछा है कि थाने में दर्ज दो एफ आई आर में कौन सी एफआईआर सही है इस पर भी स्थिति स्पस्ट करें।
आज सुनवाई के दौरान याचिकर्ता की तरफ से कहा गया कि उन्होंने पहले मुकदमा दर्ज कराया था । उसके बाद विपक्षियो द्वारा मुकदमा दर्ज कराया गया। उनके मुकदमे में पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की जबकि विपक्षियों द्वारा दर्ज मुकदमे में उनको भगोड़ा दिखाया गया है। मुकदमे में धाराएं भी बदल दी। जिससे कि उनकी जमानत न हो सके। इस घटना में कुलवंत पुत्र सुखदेव निवासी बग्गी फार्म थाना मिलक खानम रामपुर उप्र की मृत्यु हो गई और कनिष्ठ ब्लाक प्रमुख तेजेंद्र उर्फ जंटु निवासी ग्राम खंबारी बाजपुर घायल हो गए थे। जिसके बाद नेत्र प्रकाश शर्मा की तहरीर पर पुलिस ने अविनाश शर्मा निवासी केशोवाला व 10-12 अज्ञात लोगों के विरूद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया था। उन पर आरोप लगाया कि जिला सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष अविनाश शर्मा व अन्य के द्वारा क्रशर कारोबारी नेत्र प्रकाश शर्मा से अवैध रूप से धन की मांग की जा रही थी। जिसे न देने पर आरोपितों ने नेत्र प्रकाश शर्मा पर सामाजिक रूप से पंचायत कर पैसे देने का दवाब बनाया।
जब इसमें वे सफल न हो सके तो अविनाश शर्मा व अन्य के साथ मंगलवार की रात को नेत्र प्रकाश शर्मा के घर पर ताबड़तोड़ फायरिंग की थी। घर में घुसकर महिलाओं के साथ मारपीट भी की गई। जबकि इस घटना के मामले में उनकी तरफ से पहले एफआईआर दर्ज की गई। जिस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। अविनाश शर्मा ने हाईकोर्ट से अपने ऊपर लगे मुकदमे निरस्त करने व मामले की निष्पक्ष जांच कराने हेतु दूसरी एजेंसी को मामला स्थान्तरित करने की मांग की है