नैनीताल । मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नैनीताल रमेश सिंह की अदालत ने लालकुंआ कोतवाली में तैनात एक पुलिस सब इंस्पेक्टर के कथित कृत्य की जांच के आदेश दिये है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार अफ्रीका के आयमा आइवेरियन नागरिक करीम कोन हाल निवासी दिल्ली को पुलिस ने धोखाधड़ी सहित आई पी सी की अन्य धाराओं में वर्ष 2021 में गिरफ्तार किया था जिसमें अभियुक्त को सजा भी हो चुकी है ।
अभियुक्त करीम कोन ने न्यायालय को बताया कि उसकी गिरफ्तारी के समय लालकुंआ कोतवाली में तैनात सब इंस्पेक्टर कृपाल सिंह द्वारा उसकी घड़ी व 9300 रुपये की धनराशि अपने पास रख ली गयी थी । उस समय उसे लगा एस आई द्वारा जब्त सामान उसे बाद में दे दिया जायेगा लेकिन बहुत समय बाद भी उसे उसका सामान नहीं दिया गया । करीब नौ महीने बाद जब उसके मामले की सुनवाई साक्ष्य के लिये न्यायालय में नियत थी तब एस आई कृपाल सिंह भी कोर्ट में आये । उस दिन उसने हाथ पर उसकी वही घड़ी पहनी थी जो एस आई द्वारा उसकी गिरफ्तारी के वक्त उससे ले ली गयी थी । जिसे देखकर वह भौचक्का रह गया । जब अफ्रीकन नागरिक ने इस बात को कोर्ट में बताना चाहा, उससे पहले ही एस आई न्यायालय से बाहर गया व जब वापस आया तब उसके हाथ में उसकी घड़ी नहीं थी । जब अफ्रीकन नागरिक ने एस आई कृपाल सिंह से उसकी घड़ी के बारे में पूछा तो एस आई ने स्पष्ट रूप से उसके पास घड़ी नहीं होने की बात कही । तब अफ्रीकन नागरिक ने उसका सामान एस आई से वापस दिलाने की मांग प्रार्थना पत्र के माध्यम न्यायालय में की । न्यायालय ने मामले में एस एस पी नैनीताल से रिपोर्ट तलब की । जिस पर एस एस पी ने अपर पुलिस अधीक्षक हल्द्वानी से मामले की जांच करायी । अपर पुलिस अधीक्षक ने कृपाल सिंह के विरुद्ध आरोपों की पुष्टि न करते हुुुए रिपोर्ट न्यायालय को रिपोर्ट भेज दी । जिस पर दोबारा अफ्रीकन नागरिक ने न्यायालय के सामने प्रार्थना करते हुुुए मौखिक गुहार लगायी व कहा कि वह झूठ नहीं बोल रहा व कहा कि मामले में पुलिस ने बिना तथ्यों की जांच कर सत्यता को छिपाया है। कहा कि मामले में पुलिस द्वारा उस दिन की सी सी टी वी फुटेज तक गायब कर दी गयी है । जिस पर न्यायालय ने माना कि मामला गम्भीर है व मामले में तथ्यों की गहराई व वास्तविकता पर न जाकर पुलिस ने सरसरी आख्या दे दी । जबकि मामले की गम्भीरता को देखते हुुुए एक निष्पक्ष जांच होना आवश्यक है । जिस पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नैनीताल ने एस आई के खिलाफ डी आई जी कुमाऊँ को स्वयं या जिले के बाहर के किसी सक्षम अधिकारी से निष्पक्ष जांच कराने के आदेश जारी किये हैं।